पुणे: जाने माने इतिहासकार और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे का सोमवार को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 99 वर्ष के थे. बाबासाहेब पुरंदरे के नाम से लोकप्रिय इतिहासकार कुछ समय से बीमार थे. एक चिकित्सक ने उनके निधन की जानकारी दी.
चिकित्सक ने बताया कि पुरंदरे एक सप्ताह पहले निमोनिया से पीड़ित पाए गए थे और उन्हें शहर के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया. वह अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में वेंटिलेटर पर थे.
उन्होंने बताया कि पुरंदरे की तबियत रविवार को और खराब हो गई थी और उनकी स्थिति तभी से गंभीर थी.
पीएम मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए लिखा कि मैं इन शब्दों से बहुत ही ज्यादा आहत हूं. बाबा साहब पुरंदरे के निधन से इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में काफी रिक्तता पैदा हुई है. उनका धन्यवाद है कि आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से कनेक्टेड महसूस करेंगी. उनकी अन्य कार्यों को भी याद किया जाएगा.
I am pained beyond words. The demise of Shivshahir Babasaheb Purandare leaves a major void in the world of history and culture. It is thanks to him that the coming generations will get further connected to Chhatrapati Shivaji Maharaj. His other works will also be remembered. pic.twitter.com/Ehu4NapPSL
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2021
पुरंदरे की अधिकतर कृतियां मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से संबंधित हैं. उन्हें 2019 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को हुआ था.
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