नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कन्हैया कुमार एवं कुछ अन्य लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए शनिवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राजद्रोह कानून के बारे में दिल्ली सरकार की समझ गलत है.
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘राजद्रोह कानून को लेकर दिल्ली सरकार की समझ केंद्र से कुछ कम गलत नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए और 120 बी के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने को पुरजोर तरीके से खारिज करता हूं.’
राजद्रोह कानून की अपनी समझ में दिल्ली सरकार भी केंद्र सरकार से कम अनजान नहीं है।
श्री कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए और 120 बी के तहत मुकदमा चलाने के लिए दी गई मंजूरी को मैं पूरी तरह से अस्वीकृत करता हूं।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 29, 2020
भाजपा ने शुक्रवार को कहा था कि जनता के दबाव के कारण दिल्ली सरकार को कन्हैया कुमार और नौ अन्य के खिलाफ जेएनयू राजद्रोह के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी देनी पड़ी.
पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे तीन साल लटकाए रखा, लेकिन जनता के सामने आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा.
लोगो के दबाव के कारण आखिर दिल्ली सरकार @AamAadmiParty को #JNU मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देनी पड़ी। 3 साल दिल्ली के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal यह अनुमति टालते रहे लेकिन आखिर उन्हें जनता के आगे झुकना पड़ा। @BJP4India @AmitShah @JPNadda
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) February 28, 2020
कन्हैया कुमार ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि, यह स्पष्ट है कि इस मामले को राजनीतिक लाभ के लिए विलंब किया गया मैं एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल चाहता हूं. ताकि पूरे देश को पता चले कि कैसे सेडिशन जैसे कानून का दुरुपयोग हो रहा है.
उन्होंनेट्वीट करते हुए कहा , दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और टीवी वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.
Kanhaiya Kumar: It is clear that this matter was created & delayed for political benefit. I want a speedy trial in a fast-track court so that the entire country gets to know how a law like Sedition is being misused. https://t.co/YrEx6CDJ1W
— ANI (@ANI) February 28, 2020
दरअसल, दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी.
पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला था और वहां कथित रूप से लगाये गये देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था.