बेंगलुरु, छह मार्च (भाषा) कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कर्नाटक के विकास मॉडल की प्रशंसा करने वाला ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का ब्लॉग वास्तव में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कार्यालय में काम कर चुके एक व्यक्ति द्वारा लिखा गया था।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य द्वारा अद्वितीय रूप से तैयार किए गए कर्नाटक के विकास मॉडल का अर्थ है लोगों पर केंद्रित आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक शासन का निर्माण।
उन्होंने कहा कि इस मॉडल का अध्ययन दुनिया भर के कई अर्थशास्त्रियों और विश्वविद्यालयों द्वारा किया जा रहा है। गहलोत ने कहा, ‘‘ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अपने मानवाधिकार हब ब्लॉग में इस मॉडल को ‘अंधेरे में प्रकाश की तरह चमकने’ और ‘दुनिया के लिए ब्लू प्रिंट’ के रूप में वर्णित किया है।’’
इस भाषण का जिक्र करते हुए अशोक ने सरकार पर राज्य विधानमंडल की संयुक्त बैठक में राज्यपाल के पारंपरिक अभिभाषण में उनसे ‘झूठ का पुलिंदा’ बुलवाने का आरोप लगाया।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अशोक ने कहा, ये (ऑक्सफोर्ड ब्लॉग में कही गई बातें) ‘अंधेरी रात’ में लिखी गई लगती हैं।
अशोक ने कहा कि वह इस दावे से हैरान हैं और जानना चाहते हैं कि सरकार का मूल्यांकन किसने किया, किसने ऐसी रिपोर्ट लिखी और अर्थशास्त्री कौन है।
उन्होंने यह भी कहा कि लेख पर शोध करने पर पता चला कि ब्लॉग कुलपति या अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख या ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के किसी प्रोफेसर द्वारा नहीं लिखा गया था। अशोक ने कहा कि ब्लॉग लिखने वाले का नाम विश्वविद्यालय की सूची से बिल्कुल भी नहीं है।
अशोक ने दावा किया कि ऑक्सफोर्ड ह्यूमन राइट्स हब ब्लॉग कोई भी वकील, विधायक, समाज सुधारक, स्वास्थ्य विशेषज्ञ लिख सकता है और शर्त बस इतनी है कि यह 500-700 शब्दों में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्लॉग के लेखक जेहोश पॉल एक वकील हैं और उनके बायोडेटा में कहा गया है कि उन्होंने 2019 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) और मंत्री प्रियांक खरगे के कार्यालय में काम किया था। उन्होंने कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा के कार्यालय में भी काम किया था।
अशोक ने कहा, ‘‘उन्होंने खुद कहा है कि वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री के मुख्य राजनीतिक सलाहकार (कैबिनेट रैंक) के पद पर काम कर चुके हैं। अगर ब्लॉग लिखने वाला व्यक्ति ऑक्सफोर्ड द्वारा नियुक्त होता और वह उसके वेतन पर होता, तो हमें कोई आपत्ति नहीं होती। जब उन्होंने कर्नाटक मॉडल के बारे में 27 मार्च 2024 को ब्लॉग लिखा, तो वह वेतन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में काम कर रहे थे।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘आपके कार्यालय में काम करने वाला व्यक्ति, आपको विशिष्टता प्रदान करता है, ऐसा कोई भी कर सकता है। इसे पढ़ने के लिए राज्यपाल का उपयोग क्यों करें? ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नाम का उपयोग क्यों करें?’’
भाषा वैभव पवनेश
पवनेश
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