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Saturday, 21 December, 2024
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उद्धव सरकार का आदेश—शराब की दुकान के नाम देवताओं, नायकों, पूर्व प्रधानमंत्री और किलों के नाम पर न रखें

नायकों की सूची में छत्रपति शिवाजी, पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, आम्बेडकर, सावरकर, बाल ठाकरे आदि शामिल हैं. इसमें मोदी या कोविंद का जिक्र नहीं है, लेकिन ‘पदासीन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति’ शामिल हैं.

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मुंबई: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने शराब की किसी भी दुकान के लिए देवी-देवताओं, संतों, प्रशासन की तरफ से सूचीबद्ध 56 राष्ट्रीय नायकों और राज्य के 105 ऐतिहासिक किलों के नामों का उपयोग किए जाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि शराब की दुकानों के नामकरण से ऐसे नामों का अपमान होता है, और यह राज्य के सामाजिक और धार्मिक माहौल को भी दूषित कर सकता है.

आदेश के मुताबिक, शराब बेचने वाली दुकानों को कानूनी तौर पर अपना नाम बदलने के लिए इस साल 30 जून तक का समय दिया जाएगा.

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘राज्य सरकार की राय है कि शराब की दुकानों का नाम देवी-देवताओं या फिर किसी भी धर्म के पूजास्थल के नाम पर रखना अपमानजनक है और इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. यही नहीं शराब की दुकानों का नाम संतों, राष्ट्रीय नायकों और किलों के नाम पर रखने से भी हमारी सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है. हमारे किले राज्य के स्वर्णिम इतिहास के साक्षी रहे हैं और उनकी पवित्रता बनाए रखी जानी चाहिए.’

अधिकारी ने कहा कि कई जनप्रतिनिधि सालों से यह मुद्दा विधायिका में उठाते रहे हैं, और राज्य सरकार ने पूर्व में आश्वासन दिया था कि वह शराब की दुकानों के लिए ऐसे नामों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाएगी.

शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंडे, जिन्होंने पिछले महीने एक निजी सदस्य विधेयक के माध्यम से इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया था, ने दिप्रिंट को बताया कि विभिन्न समूहों की तरफ से कई बार ऐसी मांग की गई थी.

कायंडे ने कहा, ‘लेकिन इतने सालों में राज्य सरकारों ने इसे लागू नहीं किया, शायद इसलिए कि इसके लिए कई विभागों के बीच समन्वय जरूरी है. साथ ही, हम हिंदू मानते हैं कि 33 करोड़ देवी-देवता हैं, इसलिए ऐसा कोई फैसला लागू करने से पहले एक संक्षिप्त सूची भी होनी चाहिए. मुझे खुशी है कि उद्धवजी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे स्वीकारा और इस पर फैसला लिया.’


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प्रतिबंधित नामों की सूची

जाहिर तौर पर छत्रपति शिवाजी जैसे ऐतिहासिक शासकों का नाम होने के अलावा सूची में महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, मुख्यमंत्री ठाकरे के पिता बाल ठाकरे और दादा केशव ठाकरे और हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर जैसी राजनीतिक हस्तियों के नाम शामिल हैं.

सूची में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह आदि पूर्व प्रधानमंत्री और डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी जैसे पूर्व राष्ट्रपतियों के नाम भी शामिल हैं.
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम का उल्लेख तो नहीं किया गया है, लेकिन सूची में मौजूदा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी शामिल हैं.

प्रतिबंधित किलों के नामों की सूची काफी विस्तृत है, जिसमें सायन, धारावी, माहिम और वर्ली जैसे मुंबई के किले शामिल हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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