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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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‘ग्रीन क्रेडिट कार्ड’ के लिए 57,000 हेक्टेयर से अधिक क्षरित वन क्षेत्र की पहचान की गयी: सरकार

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नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) अब तक 17 राज्यों ने ‘ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम’ के तहत वृक्षारोपण के लिए 57,700 हेक्टेयर से अधिक क्षरित वन भूमि अलग रखी है। सरकार ने यह जानकारी दी।

इस कार्यक्रम के तहत व्यक्तियों, समुदायों और निजी क्षेत्र द्वारा किए गए स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों को पुरस्कृत किया जाता है।

सरकार ने इस सप्ताह के प्रारंभ में संसद को बताया कि सबसे अधिक वन क्षेत्र वाले राज्य मध्यप्रदेश ने दो फरवरी तक इस कार्यक्रम के लिए 15,200 हेक्टेयर से अधिक क्षरित वन भूमि की पहचान की और उसका पंजीकरण किया, जो इस कार्यक्रम के तहत सभी राज्यों में सबसे ज्यादा ऐसा पंजीकृत क्षेत्र है।

आंध्र प्रदेश ने 11,361 हेक्टेयर, गुजरात ने 6,760 हेक्टेयर, झारखंड ने 5,648 हेक्टेयर, तमिलनाडु ने 4,708 हेक्टेयर तथा बिहार ने 4,108 हेक्टेयर क्षरित वनभूमि का इस कार्यक्रम के तहत पंजीकरण कराया है।

फिलहाल ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम के तहत केवल क्षरित वन भूमि की पारिस्थितिकी बहाली के लिए वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। यह कार्यक्रम अक्टूबर 2023 में शुरू किया गया था।

नियमों के अनुसार कोई भी व्यक्ति या निजी संस्था खुले जंगल और झाड़ीदार भूमि, बंजर भूमि और जलग्रहण क्षेत्रों समेत क्षरित भूमि पर वृक्षारोपण कर सकती है और हरित क्रेडिट अर्जित कर सकती है जिसका व्यापार किया जा सकता है और जो कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के लिए एक मीट्रिक मापक के रूप में काम कर सकता है।

इस तरह मिलने वाले ग्रीन क्रेडिट का उपयोग वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत गैर-वानिकी प्रयोजनों के लिए वन भूमि के उपयोग की स्थिति में प्रतिपूरक वनीकरण के अनुपालन के रूप में किया जा सकता है।

हालांकि भारतीय वन सेवा के कुछ पूर्व अधिकारियों और पारिस्थितिकीविदों ने इस योजना का विरोध किया है। उनका तर्क है कि इसके तहत किए जाने वाले वृक्षारोपण को प्राथमिक वन क्षेत्र और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिस्थापन के रूप में नहीं देखा जा सकता क्योंकि प्राथमिक वन क्षेत्र एवं प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र वन्यजीवों, जैव विविधता और स्थानीय समुदायों के स्थानीय ज्ञान को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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