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Wednesday, 16 July, 2025
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तीस फीसदी से अधिक माता-पिता मानते हैं वीडियो गेम का बच्चों के मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव: सर्वे

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नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) हाल के एक सर्वेक्षण में शामिल करीब 40 प्रतिशत माता-पिताओं ने कहा है कि वीडियो गेम का उनके बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जबकि 30 प्रतिशत का कहना है कि सोशल मीडिया का भी उनके बच्चों पर ऐसा ही प्रभाव पड़ा है।

अप्रैल में किए गए पियर्सन ग्लोबल लर्नर्स सर्वे में पाया गया है कि वैश्विक स्तर पर 92 प्रतिशत माता-पिता सोचते हैं कि स्कूलों को छात्रों और कर्मचारियों को मुफ्त मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करनी चाहिए, और 53 प्रतिशत का मानना है कि बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में ही तंदुरुस्ती और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाया जाना चाहिए। केवल 26 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा है कि उनके बच्चों के स्कूल मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों को सीधे छात्रों और अभिभावकों के साथ साझा करते हैं।

सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है, विश्व स्तर पर 10 में से नौ उत्तरदाताओं ने कहा कि वे स्कूलों (91 प्रतिशत) और नियोक्ताओं (90 प्रतिशत) के बारे में अधिक सोचते हैं जो सक्रिय रूप से मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के मुद्दों से प्राथमिकता से निपटते हैं। विश्व स्तर पर 84 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे मानसिक स्वास्थ्य या उपभोक्ताओं की भलाई को प्राथमिकता देने वाले ब्रांड के बारे में अधिक सोचते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 30 प्रतिशत माता-पिता कहते हैं कि सोशल मीडिया का उनके बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य (28 प्रतिशत) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वैश्विक स्तर पर समान संख्या (27 प्रतिशत) में माता-पिता ने कहा कि डिजिटल माध्यम से शिक्षा का उनके बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। विश्व स्तर पर, लगभग 40 प्रतिशत माता-पिता ने कहा कि वीडियो गेम का उनके बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील, चीन और भारत के 3,100 से अधिक माता-पिता ने सर्वेक्षण के चौथे संस्करण में भाग लिया।

सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है, विश्व स्तर पर अधिकांश वयस्क (88 प्रतिशत) सहमत हैं कि बच्चों को अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए और अधिक शारीरिक फिटनेस गतिविधियों की आवश्यकता है। अधिकांश माता-पिता (86 प्रतिशत) स्वास्थ्य और मेडिटेशन सेवा प्रदाताओं के साथ भागीदारी करने वाले स्कूलों का समर्थन करेंगे। अस्सी प्रतिशत माता-पिता चाहते हैं कि स्कूलों में ऑनलाइन या डिजिटल लर्निंग का दायरा कम किया जाए।’’

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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