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Wednesday, 24 December, 2025
होमदेशSIR के बाद केरल की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 24 लाख से अधिक नाम हटे, अगले महीने आपत्तियां

SIR के बाद केरल की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 24 लाख से अधिक नाम हटे, अगले महीने आपत्तियां

हटाए गए नाम पिछली सूची का 8.65% हैं. 6.49 लाख मतदाता मृत पाए गए, 6.44 लाख अनुपस्थित, 8.16 लाख ने स्थान बदला, 1.36 लाख दोहराव वाले और 1.6 लाख अन्य श्रेणियों में.

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तिरुवनंतपुरम: निर्वाचन आयोग द्वारा किए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के तहत मंगलवार को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची के मुताबिक, केरल में कुल 24,08,503 मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं. यह संख्या पिछली मतदाता सूची का 8.65 प्रतिशत है.

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रतन यू. केलकर के अनुसार, निर्वाचन आयोग राज्यभर के मतदाताओं को बांटे गए आंशिक रूप से भरे गए गणना फॉर्मों में से 91.35 प्रतिशत फॉर्म वापस हासिल करने में सफल रहा. एसआईआर शुरू होने से पहले, 27 अक्टूबर तक केरल में कुल 2,78,50,855 मतदाता थे, जिनमें से बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) ने 2,54,42,352 फॉर्म इकट्ठा किए.

एसआईआर के तहत शामिल मतदाताओं में 1,23,83,341 पुरुष, 1,30,58,731 महिलाएं और 280 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.

जो फॉर्म इकट्ठा नहीं हो सके, उनमें 6,49,885 मतदाता मृत पाए गए, 6,44,548 अनुपस्थित थे, 8,16,221 ने अपना स्थान बदल लिया था, 1,36,029 दोहराव वाले थे और 1,60,830 अन्य श्रेणियों में आते हैं.

केलकर ने कहा, “जो लोग अनकलेक्टेबल श्रेणी में डाले गए हैं और जो पात्र हैं, उन्हें वेबसाइट पर उपलब्ध सही फॉर्म जमा करने चाहिए.”
उन्होंने बताया कि अगले एक महीने को दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए रखा गया है और सुनवाई की अवधि के दौरान करीब 1,000 अधिकारियों की तैनाती की जाएगी.

उन्होंने कहा, “अगर कोई निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) के फैसले के खिलाफ अपील करना चाहता है, तो वह 15 दिनों के भीतर जिला कलेक्टर के पास जा सकता है. अगर कलेक्टर के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, तो 30 दिनों के भीतर सीईओ के पास जा सकते हैं.”

केलकर ने कहा, “एसआईआर का मकसद ही यह है कि सभी पात्र मतदाताओं को सूची में शामिल किया जाए और अपात्र मतदाताओं को हटाया जाए. आज हमने ड्राफ्ट सूची जारी की है और सभी से अनुरोध है कि वे ड्राफ्ट रोल में अपना नाम जांच लें. अगर किसी को नाम जोड़ना है या कोई बदलाव करना है, तो वे संबंधित फॉर्म के जरिए आवेदन कर सकते हैं.”

उन्होंने इस प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करने वाले बूथ लेवल अधिकारियों, एजेंटों और अन्य लोगों का धन्यवाद भी किया.

उन्होंने कहा कि बीएलओ ने किसी मतदाता को अपता लगाने से पहले तीन बार घर-घर जाकर जांच की.

उन्होंने कहा, “अगर तीन बार दौरा करने और स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद भी कोई मतदाता नहीं मिलता है, तो बूथ लेवल अधिकारी इसके आगे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता.”

उन्होंने यह भी बताया कि बूथ लेवल एजेंटों से भी जानकारी की पुष्टि करने को कहा गया था. ड्राफ्ट सूची सार्वजनिक डोमेन में है और इसे राजनीतिक दलों के साथ भी साझा किया गया है.

पिछले हफ्ते केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि तकनीकी कारणों से वोट देने का अधिकार रद्द नहीं किया जाना चाहिए. एक बयान में उन्होंने यह भी कहा था कि केरल में तैयार की जा रही ड्राफ्ट मतदाता सूची “खामियों से भरी हुई” है.

उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सितंबर 2025 में की गई विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान जिन पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में थे, उनमें से एक भी नाम एसआईआर के तहत तैयार की गई संशोधित सूची से बाहर न हो. एसआईआर से जुड़ी जानकारी पारदर्शी होनी चाहिए और इसे वेबसाइट पर इस तरह उपलब्ध कराया जाना चाहिए कि राजनीतिक दलों और आम जनता दोनों के लिए आसानी से सुलभ हो.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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