(तस्वीरों के साथ)
देहरादून, 26 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में रात भर हुई भारी बारिश के कारण गौरीकुंड के पास केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग पर बड़े-बड़े पत्थर गिरने और मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से 1,600 से अधिक चारधाम तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जिले के कई गांवों में करीब एक दर्जन घरों में पानी और गाद घुस गया है।
उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य सुबह छह बजे से शुरू हो गया और अब भी जारी है।
सुमन ने बताया कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
सुमन ने बताया, ‘रात एक बजे से चार बजे के बीच ज़िले में लगातार बारिश हुई, जिससे नदियां उफान पर आ गई और उनका पानी चामेली और रुमसी, चमराड़ा टोक और विजयनगर क्षेत्र के करीब दस मकानों में घुस गया। कई सड़क भी टूट गईं।’
गौरीकुंड के घोड़ा पड़ाव से लगभग 50 मीटर की दूरी पर केदारनाथ पैदल मार्ग का लगभग 30 मीटर हिस्सा भारी पत्थरों और मलबे से अवरुद्ध हो गया, जिसके बाद ज़िला प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) और अन्य संबंधित विभागों की टीमों ने तुरंत वहां राहत कार्य शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक मार्ग बनाकर यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
सुमन ने बताया कि अब तक केदारनाथ से लगभग 1,600 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और लगभग 700 अन्य तीर्थयात्रियों को निकालने की प्रक्रिया जारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली और उन्हें तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखने के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
आपदा प्रबंधन विभाग के साथ-साथ राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग सुबह छह बजे से ही राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए।
भाषा योगेश माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.