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गुरूवार, 19 जून, 2025
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हमारी चिंता पूरे क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा को लेकर है : सीरिया की स्थिति पर ईरानी राजदूत इलाही

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नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) सीरिया में विद्रोही बलों द्वारा राष्ट्रपति बशर असद की सरकार को उखाड़ फेंके जाने के कुछ दिन बाद ईरानी राजदूत इराज इलाही ने बुधवार को कहा कि क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में निर्णय करना अभी जल्दबाजी होगा।

इलाही ने इस बात पर भी जोर दिया कि तेहरान की चिंता केवल सीरिया या ईरान की नहीं, बल्कि “पूरे क्षेत्र” की स्थिरता और सुरक्षा को लेकर है।

यहां ईरानी खाद्य महोत्सव के अवसर पर ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में राजदूत ने भारत और ईरान के बीच सभ्यतागत संबंधों पर बात की और कहा, “हम दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के एक नए युग की शुरुआत में हैं।”

सीरिया की स्थिति और इसके संभावित व्यापक परिणामों पर इलाही की टिप्पणी रविवार को सीरिया सरकार के गिरने के कुछ दिन बाद आई है।

विद्रोहियों ने सीरिया में कई अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा करने के बाद राजधानी दमिश्क पर भी नियंत्रण कर लिया था। विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) द्वारा दमिश्क पर नियंत्रण कर लिए जाने के बाद असद देश छोड़कर भाग गए, जिससे उनके परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया।

रूस की सरकारी मीडिया ने बताया कि असद मॉस्को में हैं और उन्हें शरण दी जाएगी। उनके लगभग 14 साल के कार्यकाल में गृहयुद्ध, रक्तपात और उनके राजनीतिक विरोधियों पर क्रूर दमन की घटनाएं हुईं।

इलाही ने कहा, “क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में अभी निर्णय लेना जल्दबाजी होगा। ईरान को पूरे क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा को लेकर चिंता है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि इजराइल अपनी “विस्तारवादी नीति” पर बढ़ रहा है और उसने “सीरिया की संप्रभुता ण्वं क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया है।” राजदूत ने आरोप लगाया कि उसने उस देश के “विभिन्न सैन्य ठिकानों पर हमला किया है”।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कई खबरों में दावा किया गया है कि असद शासन के हटने के बाद से इजराइली सेना ने सीरिया में कई “रणनीतिक लक्ष्यों” पर हमले किए हैं।

इलाही ने कहा, “इसलिए, हमें पूरे क्षेत्र की सुरक्षा की चिंता है, न कि केवल सीरिया या ईरान की। क्षेत्र की अनिश्चितता ईरान की मुख्य चिंता है। हम अपनी सुरक्षा के बारे में नहीं सोच रहे हैं, बल्कि हमारी चिंता पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता है, जिसका प्रभाव इस क्षेत्र में रहने वाले सभी देशों की समृद्धि और जीवन स्तर पर पड़ेगा।”

इससे पहले, सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह सीरिया में हो रहे घटनाक्रम पर नजर रख रहा है। इसने सीरिया में शांतिपूर्ण एवं समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की वकालत की।

भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर ईरानी राजदूत ने कहा कि “लोगों के बीच संबंध ईरानी कूटनीति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।” उन्होंने कहा कि भारत के संबंध में यह नीति उसके लिए “अधिक महत्वपूर्ण” है।

राजदूत ने कहा, “हमारी बहुत सी साझा विरासत हैं, ईरानी व्यंजन, ईरानी चाय और ईरानी रीति-रिवाज भारत में प्रसिद्ध हैं और भारतीय व्यंजन तथा भारतीय विरासत ईरान में प्रसिद्ध हैं। इसलिए, हमने भारतीय पर्यटकों को ईरान की ओर आकर्षित करने के लिए ईरानी विरासत को भारत में पेश करने के वास्ते कुछ उपाय किए हैं, और साथ ही हमने भारतीयों की ईरान यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए भी कुछ उपाय किए हैं।”

उन्होंने ईरान द्वारा अन्य देशों के अलावा भारत के लिए वीजा संबंधी छूट दिए जाने के पहलू पर भी चर्चा की।

ईरान ने 40 से अधिक देशों के लिए वीजा माफ कर दिया है और दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी बिना किसी वीजा के ईरान की यात्रा कर सकती है।

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, हम ईरान और भारत के बीच नयी उड़ानों के लिए विभिन्न विमानन कंपनियों के साथ निकट संपर्क में हैं… इसलिए, हम दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के एक नए युग की शुरुआत में हैं।”

राजदूत ने कहा कि ईरान भारत के पर्यटन मंत्री के साथ “निकट संपर्क” में है और ईरान के लोग “भारत की यात्रा करने के इच्छुक” हैं।

भाषा प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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