हैदराबाद, 14 मई (भाषा) हैदराबाद स्थित उस्मानिया विश्वविद्यालय ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भातरीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। विश्वविद्यालय ने बुधवार को इसकी घोषणा की।
उस्मानिया विश्वविद्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पांच साल के समझौते का उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र में उभरते रुझानों और नवाचारों के अनुरूप क्षमता निर्माण और कौशल विकास को मजबूत करना है।
उस्मानिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कुमार मुलगुरामू और इसरो एवं एनआरएससी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
साझेदारी के तहत के तहत विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में नए स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू करेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सहयोग के अतिरिक्त घटकों में संयुक्त प्रमाणन कार्यक्रम, सहयोगी अनुसंधान पहल, अंटार्कटिक में स्थित वैज्ञानिकों के साथ सीधी बातचीत और एनआरएससी के संपर्क कार्यक्रमों के तहत शैक्षिक सामग्री का सह-विकास शामिल है।
चुनिंदा छात्रों को एनआरएससी में शोध परियोजनाएं शुरू करने का अवसर भी मिलेगा।
कुमार ने कहा कि इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी से परे यह पहल सामाजिक विज्ञान और वाणिज्य में भी कौशल विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनआरएससी के निदेशक प्रकाश चौहान ने देश के लिए महत्वपूर्ण अंतरिक्ष-आधारित समाधानों और बुनियादी ढांचे की उन्नति का समर्थन करने में सक्षम कुशल मानव संसाधन विकसित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
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