नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तमिलनाडु सरकार के उस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज की सुपर-स्पेशियेलिटी सीटों में नीट उत्तीर्ण करने वाले सेवारत डॉक्टर अभ्यर्थियों के लिए 50 फीसदी सीट आरक्षित की गईं हैं।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने करीब एक घंटे तक मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा, ”आदेश सुरक्षित रखा जाता है।”
तमिलनाडु सरकार ने अपने वर्ष 2020 के उस आदेश का जोरदार बचाव किया, जिसमें राज्य सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेज की सुपर-स्पेशियेलिटी सीटों में नीट उत्तीर्ण करने वाले तमिलनाड सरकार के सेवारत डॉक्टर अभ्यर्थियों के लिए 50 फीसदी सीट आरक्षित करने का निर्देश दिया था जबकि बाकी 50 फीसदी सीटें भारत सरकार/ स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को आवंटित की गईं हैं।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे, श्याम दीवान और गोपाल शंकरनारायणन के अलावा राज्य सरकार का पक्ष रख रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित आनंद की दलीलें सुनीं।
भाषा शफीक उमा
उमा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.