नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि तमिलनाडु के मदुरै के पास एक पहाड़ी मंदिर में पारंपरिक दीपक जलाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों का रुख न केवल वोट बैंक की राजनीति है, बल्कि भारत की ‘बुनियादी पहचान’ पर ‘‘व्यवस्थित तरीके से किया गया कुटिल हमला’’ है।
केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि यह भारत के ‘‘लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष चरित्र’’ पर भी ‘गंभीर आघात’ है।
भाजपा का यह हमला द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व में कई विपक्षी सांसदों द्वारा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नोटिस सौंपे जाने के बाद हुआ है, जिसमें मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी आर स्वामीनाथन को हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाने की बात कही गई है। स्वामीनाथन के उस आदेश ने विवाद को जन्म दिया था जिसमें उन्होंने मदुरै जिले के सुब्रमण्य स्वामी मंदिर के अधिकारियों को ‘दीपथून’ (स्तंभ) पर दीपक प्रज्वलित करने का निर्देश दिया था।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘न्यायाधीश को डराने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को महाभियोग का प्रस्ताव सौंपा गया। राहुल गांधी जहां सीधे तौर पर संवैधानिक संस्थाओं को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं उनके गठबंधन सहयोगी और ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के सदस्य सामूहिक रूप से न्यायपालिका को भयभीत करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि स्तंभ के पास जाकर दीपक जलाने की अनुमति केवल 10 लोगों को ही दी जाएगी, लेकिन तमिलनाडु सरकार के वकील ने अदालत में दलील दी कि ‘‘पहले यह स्थापित करना होगा कि स्तंभ वास्तव में अस्तित्व में था या नहीं और क्या इसका कोई धार्मिक महत्व था।’’
भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया, ‘‘यह सिर्फ वोटों के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि यह भारत की पहचान पर हमला है। यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति नहीं है, बल्कि भारत के मूल सार पर एक व्यवस्थित और कपटपूर्ण हमला है।’’
उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के साझेदारों द्वारा न्यायाधीश के प्रति बनाया गया माहौल स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि जब ये लोग विपक्ष में होते हैं तो संविधान कितना खतरे में होता है।
भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि तमिलनाडु में द्रमुक सरकार अल्पसंख्यक वोट हासिल करने के नाम पर ‘‘लोगों को भ्रमित करने और सांप्रदायिक उन्माद भड़काने’’ की कोशिश कर रही है ताकि जनता का ध्यान अपनी ‘‘प्रशासनिक विफलताओं और व्यापक भ्रष्टाचार’’ से हटाया जा सके।
त्रिवेदी ने कहा, ‘‘भाजपा किसी भी कीमत पर हिंदू धर्म की लौ को बुझाने के इन प्रयासों को सफल नहीं होने देगी। न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरा देश इन घटनाक्रमों पर नजर रख रहा है, और उचित समय पर इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’
मदुरई के पास पहाड़ी पर स्थित मंदिर में पारंपरिक दीपक जलाने को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब स्थानीय प्रशासन ने कथित तौर पर कई श्रद्धालुओं को पारंपरिक अनुष्ठान करने से रोक दिया, और पुलिस ने बृहस्पतिवार को भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख नैनार नागेंद्रन सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ द्वारा तिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी पर स्थित एक पत्थर के स्तंभ पर दीपक जलाने की अनुमति देने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद नागेन्द्रन और अन्य श्रद्धालु पारंपरिक अनुष्ठान करने के लिए उस स्थान पर एकत्रित हुए। तिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी पर भगवान सुब्रमण्य स्वामी का मंदिर स्थित है।
भाषा धीरज नेत्रपाल
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