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Monday, 6 May, 2024
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प्रधानमंत्री मोदी के असम पहुंचने पर विपक्षी दलों, आसू ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज किया

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(तस्वीरों के साथ)

गुवाहाटी, आठ मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर असम पहुंचने के बाद, विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए), 2019 के खिलाफ अपना विरोध तेज कर दिया।

सोलह समूहों वाले ‘यूनाइटेड अपोजिशन फोरम, असम’ (यूओएफए) के सदस्यों ने कोहोरा से लगभग 50 किमी दूर कलियाबोर तिनियाली में धरना प्रदर्शन किया, जहां प्रधानमंत्री रात में ठहरेंगे।

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और 30 अन्य संगठनों ने 2019 में राज्य में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पांच लोगों की याद में शाम को दीपक जलाए।

मोदी शुक्रवार दोपहर को राज्य में पहुंचे और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सेंट्रल कोहोरा रेंज के पास पुलिस अतिथि गृह में रात बिताएंगे।

शनिवार सुबह उनका पार्क में सैर करने और राज्य के लिए 18,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने का कार्यक्रम है।

यूओएफए के मुख्य प्रवक्ता और रायजोर दल के प्रमुख अखिल गोगोई ने कहा कि विरोध प्रदर्शन की योजना पहले शनिवार के लिए बनाई गई थी लेकिन अहोम समुदाय संगठनों के अनुरोध पर एक दिन पहले इसे आयोजित किया गया।

गोगोई ने प्रदर्शन स्थल पर संवाददाताओं से कहा, “प्रधानमंत्री अहोम सेनापति लाचित बोरफुकन की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। ऐसे में, समुदाय ने हमसे विरोध की तारीख बदलने का अनुरोध किया। इसलिए, हमने यह एक दिन पहले किया।”

उन्होंने कहा कि सीएए असमिया लोगों की पहचान के लिए खतरा है और वे इसका विरोध करना जारी रखेंगे।

कालियाबोर के सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि अगर आगामी आम चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) सत्ता में आता है, तो पहली कैबिनेट बैठक में विवादास्पद कानून को निरस्त कर दिया जाएगा।

गोगोई ने कहा कि वह पनबारी हेलीपैड पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने नहीं गए थे, जबकि प्रोटोकॉल स्थानीय सांसद के मौजूद रहने का है। गोगोई ने कहा कि वह किसी ऐसे व्यक्ति का स्वागत करने के खिलाफ हैं जो “असमिया समुदाय के हितों के खिलाफ काम कर रहा है”।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और यूओएफए प्रमुख भूपेन कुमार बोरा ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में सीएए के विरोध को दबाया नहीं जा सकता, उन्होंने मुलाकात का समय दिए जाने के उनके अनुरोध पर प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रतिक्रिया न मिलने पर निराशा व्यक्त की।

असम जातीय परिषद (एजेपी) के अध्यक्ष और यूओएफए महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने कहा कि सीएए के खिलाफ विरोध और तेज किया जाएगा।

यूओएफए ने सीएए का विरोध कर रहे सभी समूहों से साथ आने का अनुरोध किया।

भाषा प्रशांत माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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