कोलकाता, 26 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सोमवार को कहा कि नौ जून से शुरू हो रहे सत्र के दौरान सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा किए जाने की संभावना है।
विधानसभा सूत्रों ने बताया कि सत्र के कम से कम दो सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होने की संभावना है।’’
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह मई की देर रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए।
यह पूछे जाने पर कि क्या वक्फ अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा पर चर्चा होगी, बनर्जी ने कहा, ‘‘पहले विपक्ष को प्रस्ताव लाने दीजिए, फिर निर्णय लिया जाएगा।’’
अप्रैल में हुई इस हिंसा में दो लोग मारे गए थे।
यहां एक अधिकारी ने बताया कि आगामी सत्र में ‘राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपाल के नियंत्रण’ से संबंधित संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव भी पेश किए जाने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान में संशोधन का प्रस्ताव हो सकता है। इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। अगर (विधेयक पर हस्ताक्षर कर उसे कानून बनाने के लिए) कोई समयसीमा तय करनी होगी तो संविधान में तदनुसार संशोधन करना होगा।’’
अप्रैल में एक ऐतिहासिक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राज्यपाल राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों पर रोक नहीं लगा सकते हैं और संविधान के तहत उनके कार्यों के लिए एक से तीन महीने की समयसीमा तय की थी।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पर राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी न देने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं।
भाषा यासिर नेत्रपाल
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