नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को बुधवार को निर्देश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर अपना ऑनलाइन पोर्टल खोले जिससे शैक्षणिक सत्र 2022-2023 के वास्ते नये शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम को मान्यता प्रदान करने के वास्ते संस्थानों के आवेदन स्वीकार करके समय पर संसाधित किये जा सकें।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने एनसीटीई के फैसले के विरोध में कई संस्थानों दायर कई याचिकाओं को स्वीकार कर लिया। इन संस्थानाओं ने याचिकाएं एकीकृत कार्यक्रमों सहित शिक्षकों के नये शिक्षा पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए आवेदन जमा करने के वास्ते एनसीटीई द्वारा अपना पोर्टल खोलने से इनकार करने के खिलाफ दायर की थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि एनसीटीई शिक्षक शिक्षा संस्थानों के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए बाध्य है। अदालत ने कहा कि उसने संभावित प्रवेशकों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया जिससे प्रशिक्षित शिक्षकों की काफी कमी हो जाएगी और पहले से मौजूद संकट और बढ़ जाएगा।
एनसीटीई ने अपने फैसले का बचाव किया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में परिकल्पना की गई है कि 2030 तक, सभी शिक्षण संस्थान चार साल के एकीकृत शिक्षण शिक्षा पाठ्यक्रम की पेशकश करेंगे। उसने कहा कि इसलिए निजी शिक्षण की शुरुआत रोकने और केवल केंद्र एवं राज्य सरकार के संस्थानों में एकीकृत पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया।
उच्च न्यायालय ने हालांकि कहा कि जब अधिकांश शिक्षक शिक्षण संस्थान निजी क्षेत्र में हैं, तो नये पाठ्यक्रम शुरू करने पर रोक ‘दोषपूर्ण’ है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के विपरीत और आम जनता की हितों के खिलाफ होगी।
भाषा अमित माधव
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