श्रीनगर, दो अगस्त (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय देश में एकमात्र ऐसी संस्था बची है, जो यह सुनिश्चित कर सकती है कि भारत अपने संविधान के अनुसार शासित हो।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष न्यायालय में सुनवाई शुरू होने के बीच महबूबा की यह टिप्पणी आई है।
यहां पीडीपी कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही देख रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही देख रही है। जम्मू-कश्मीर ने मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद, धर्म के आधार पर द्विराष्ट्र के सिद्धांत को खारिज कर दिया और भारत में शामिल हुआ। हमें संविधान के तहत आश्वासन दिया गया था। ये गारंटी चीन, पाकिस्तान या किसी पड़ोसी देश द्वारा नहीं दी गई थीं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय को यह देखना होगा कि देश में संस्थाओं को कैसे नष्ट कर दिया गया है और शीर्ष न्यायालय ही एकमात्र संस्था है, जो संविधान को बचा सकती है।’’
पीडीपी नेता ने कहा, ‘‘संसद में अपने प्रचंड बहुमत के आधार पर भाजपा न केवल संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है, बल्कि उच्चतम न्यायालय के फैसले समेत सभी चीजों को नजरअंदाज कर रही है। वे दिल्ली पर न्यायालय के फैसले के बाद एक अध्यादेश लाए हैं, जो असंवैधानिक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ही एकमात्र संस्था बची है जो संविधान और देश को बचा सकती है। सवाल यह है कि क्या आप जोखिम लेने के लिए तैयार हैं? क्या उच्चतम न्यायालय वह जोखिम लेने के लिए तैयार है जैसा कि (1975 में) इंदिरा गांधी के समय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने किया था।’’
वह 12 जून, 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिंह द्वारा दिए गए फैसले का जिक्र कर रही थीं, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री को चुनावी धांधली का दोषी ठहराया गया था।
अनुच्छेद 370 की याचिकाओं पर पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि शीर्ष अदालत को संविधान और भाजपा के एजेंडे के बीच फैसला करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष अदालत को यह तय करना होगा कि यह देश भारत के संविधान के अनुसार चलेगा या भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे के अनुसार।’’
महबूबा ने आरोप लगाया, ‘‘वे पूरे देश में मणिपुर की स्थिति दोहराने की कोशिश कर रहे हैं।’’
इस बीच, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में अनुच्छेद 370 को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं के ‘‘सकारात्मक परिणाम’’ आने की उम्मीद जताई।
भाषा शफीक सुभाष
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