नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों में अब से बाबासाहेब आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें ही होंगी और अन्य किसी राजनेता की तस्वीर नहीं होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यह घोषणा की।
आम आदमी पार्टी के संयोजक ने दिल्ली सरकार के गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में अब से मुख्यमंत्री की भी तस्वीर नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि वह सबसे ज्यादा आंबेडकर से प्रभावित हैं जिनका जन्म दलित परिवार में हुआ था और जिन्होंने भारत के संविधान की रचना करने वाली समिति की अगुवाई की। उन्होंने कहा कि वह क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह से भी उतने ही प्रभावित हैं। केजरीवाल ने कहा कि दोनों ने एक समान उद्देश्य के लिए अलग-अलग तरीके से काम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज घोषणा करता हूं कि दिल्ली सरकार के हर दफ्तर में बाबासाहेब आंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीर लगाई जाएगी। अब हम मुख्यमंत्री समेत किसी नेता की तस्वीर नहीं लगाएंगे।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार इन दोनों स्वतंत्रता सेनानियों के सिद्धांतों पर काम करेगी।’’
उन्होंने कहा कि वह हर बार यह सोचकर हैरान हो जाते हैं कि किस तरह आंबेडकर ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में आवेदन किया और लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में करीब 100 साल पहले पढ़ने गये, जब इंटरनेट नहीं था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंबेडकर का एक सपना था कि हर बच्चे को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी हम इस सपने को पूरा नहीं कर सके। आज गणतंत्र दिवस पर हम इस सपने को पूरा करने का संकल्प लेते हैं।’’
पंजाब और अन्य राज्यों में चुनावों के संदर्भ में आप संयोजक ने कहा कि देश को तभी आगे ले जाया जा सकता है जब सभी को अच्छी शिक्षा मिले।
केजरीवाल ने अपने 26 मिनट के भाषण में ज्यादातर समय अपनी सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था में किये गये बदलावों से जुड़े विषयों पर बात की।
भाषा वैभव नरेश
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