नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) देश में वर्ष 2020 में पंजीकृत लगभग 80 लाख मौतों में से करीब एक चौथाई मृत्यु ही चिकित्सकीय तौर पर प्रमाणित थीं। इनमें परिसंचरण तंत्र से जुड़ी बीमारियों के कारण 5.80 लाख लोगों की मौत हुई, जिसमें हृदय रोग शामिल है। भारत के महापंजीयक कार्यालय की मृत्यु के कारणों की चिकित्सकीय प्रमाणीकरण रिपोर्ट-2020 में यह जानकारी दी गई है।
बुधवार को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में वर्ष 2020 में कुल 80,62,700 लोगों की मृत्यु का पंजीकरण किया गया। इनमें चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मृत्यु का आंकड़ा 18,11,688 था जिसमें से 11.60 लाख पुरूष और 6.51 लाख महिलाएं थी।
मृत्यु के कारणों की चिकित्सकीय प्रमाणीकरण रिपोर्ट-2020 के अनुसार, 34 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कुल पंजीकृत मृत्यु के मामलों में केवल 22.5 प्रतिशत चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित थे ।
वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मृत्यु की संख्या में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मौतों में 5.7 प्रतिशत मामले एक वर्ष से कम आयु के शिशुओं के थे। 1-4 वर्ष आयु वर्ग वाले बच्चों में काफी संख्या में मौत संक्रामक एवं परजीवी (पैरासाइट) के प्रभाव के कारण हुई।
इस श्रेणी में सबसे अधिक मौत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की हुई जो कुल चिकित्सकीय प्रमाणित मौतों का 28.6 प्रतिशत थी ।
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2020 में कुल 80,62,700 लोगों की मृत्यु का पंजीकरण किया गया था । इनमें परिसंचरण तंत्र से जुड़ी बीमारियों के कारण 5.80 लाख लोगों की मौत हुई, जिसमें हृदय रोग शामिल है। वहीं, श्वसन प्रणाली से जुड़े रोगों के कारण 1.81 लाख लोगों की मौत की बात सामने आई है।
पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों के कारण 61,955 लोगों की और तंत्रिका तंत्र से जुड़े रोगों के कारण 32,300 लोगों की मौत के आंकड़े सामने आए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, कुल चिकित्सकीय प्रमाणित मौतों में 4.7 प्रतिशत मृत्यु कैंसर के कारण हुई है।
भाषा दीपक पवनेश प्रशांत
प्रशांत
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