नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के 24 दलों के प्रमुख नेताओं ने शनिवार को ऑनलाइन बैठक की, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोके जाने, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे, बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कई अन्य मुद्दों को लेकर संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की गई।
बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उबाठा) के उद्धव ठाकरे, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और कुछ अन्य नेता शामिल हुए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई।
उन्होंने कहा, ” बैठक में सबका स्वर एक रहा। सबसे ज्यादा प्राथमिकता का मुद्दा पहलगाम का है। नेताओं ने इस पर चिंता व्यक्त की है कि हमला करने वाले आतंकियों को अब तक न्याय के कठघरे में क्यों नहीं लाया गया है।’
तिवारी का कहना था कि ट्रंप के दावे और इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी के मुद्दे पर चर्चा की गई।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को ट्रंप के दावे पर जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कि नेताओं ने एसआईआर को लेकर चिंता जताई क्योंकि बड़ी संख्या में मतदाताओं के मताधिकार खोने का खतरा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सहमति भी बनी कि विदेश नीति, चीन और गाजा का विषय भी सत्र में उठना चाहिए।
तिवारी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार जिस तरह से देश के हितों के अनदेखी कर रही है, उसके खिलाफ विपक्ष एकजुट है।
उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि संसद चले, लेकिन विपक्ष को मुद्दे उठाने का अवसर मिलना चाहिए और सरकार जवाब दे।’
तिवारी ने कहा कि पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर प्रधानमंत्री की जवाबदेही बनती है। उन्हें सदन में उपस्थित रहना चाहिए और जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार में जारी मतदाता सूचियां के विशेष गहन पुनरीक्षण का मुद्दा भी बैठक में उठा और उस पर चर्चा हुई।
तिवारी ने कहा कि बैठक में देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार का मुद्दा भी उठा।
तिवारी ने कहा कि इस ऑनलाइन बैठक के बाद शीघ्र ही सभी नेताओं की एक प्रत्यक्ष बैठक होगी।
पहले यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर होनी थी, लेकिन कुछ प्रमुख नेताओं की दिल्ली में अनुपलब्धता के कारण यह बैठक डिजिटल माध्यम से आयोजित की गई। ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं की बैठक लंबे समय बाद हुई है।
इस बैठक से एक दिन पहले शुक्रवार को गठबंधन को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब आम आदमी पार्टी (आप) ने ‘इंडिया’ गठबंधन से दूरी बनाते हुए कहा कि वह अब विपक्षी गठजोड़ का हिस्सा नहीं है और इसका नेतृत्व करने में कांग्रेस पार्टी की भूमिका पर सवाल उठाया।
आम आदमी पार्टी के गठबंधन से दूरी बनाने से जुड़े सवाल पर तिवारी ने सिर्फ इतना कहा कि आज कुल 24 दल बैठक में शामिल हुए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा था कि मानसून सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के हमलावरों के अब तक न्याय के कठघरे से बाहर रहने, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कुछ रक्षा अधिकारियों के खुलासे, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे और चीन के विषय पर कम से कम दो दिनों की चर्चा होनी चाहिए तथा इस मांग को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता।
रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा था कि विपक्ष यह मांग भी करेगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में आकर इन विषयों पर जवाब दें।
उन्होंने कहा कि संसद में गतिरोध टालना और कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की नहीं, सरकार की है।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से आरंभ हो रहा है और 21 अगस्त कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं।
भाषा हक पवनेश
पवनेश
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