नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोरोना महामारी के दौरान ऋण ऐप के जरिये धोखाधड़ी करने और अपराध से प्राप्त धन का ‘वजीरएक्स’ ‘क्रिप्टो करेंसी’ मंच के जरिये शोधन करने के मामले में दो चीनी नागरिकों को मंगलवार को गिरफ्तार किया। संघीय जांच एजेंसी ने यह जानकारी दी।
ईडी ने एक बयान में बताया कि 13 नवंबर को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से शीओ या माओ और वू युआनलुन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया। उसने बताया कि अदालत ने दोनों को 29 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
यह जांच चीनी नागरिकों द्वारा संचालित डिजिटल ऋण ऐप के खिलाफ दर्ज मामले से जुड़ा है, जो विभिन्न मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अल्पकालिक तत्काल ऋण वितरित करने में संलिप्त थे और लोगों से उच्च दर पर ब्याज वसूलते थे।
ईडी के अनुसार इस ऋण कारोबार से प्राप्त धन को बाद में ‘क्रिप्टो ट्रेडिंग’ के मंच ‘वजीरएक्स’ के माध्यम से भेजा गया और हांगकांग सहित देश के बाहर विभिन्न ऐसे (क्रिप्टो करेंसी) ‘वॉलेट्स’ के जरिये निकाल लिया गया।
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, शिकायतकर्ताओं ने अपने फोन में ‘ऐप’ डाउनलोड कर पांच हजार से 10 हजार रुपये के बीच ऋण के लिए आवेदन किया। शिकायतकर्ताओं से उनकी सभी निजी जानकारी मांगी गई।
ईडी ने पाया कि ऋण चुकाने में विफल रहने पर पीड़ितों को पिछले ऋण को चुकाने के लिए अन्य ऐप्स से नए ऋण लेने के लिए मजबूर किया जाता था और इस तरह वे इस जाल में फंस जाते थे।
जांच में पाया गया कि चीन के इन एजेंटों द्वारा कर्ज लेने वालों के परिवार और मित्रों को फोन करके ‘अभद्र भाषा में गालियां’ दी गईं।
ईडी ने बताया कि ऋण लेने वालों की तस्वीरों के साथ भी छेड़छाड़ की गई और उन्हें यह कहकर ब्लैकमेल किया गया कि इन तस्वीरों को सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर साझा कर दिया जाएगा।
भाषा यासिर धीरज
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