लखनऊ: शहर के पॉश गोमती नगर इलाके में फैला 170 एकड़ का इलाका, जिसे लोग ‘सहारा शहर’ के नाम से जानते हैं, सालों तक स्थानीय लोगों के लिए जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र बना रहा. लोग इसकी ऊंची-ऊंची दीवारों और गेटों के बाहर से ही अंदर की झलक पा सकते थे.
ज़्यादातर लोगों के लिए यह मशहूर प्रॉपर्टी—जो कभी विवादित बिज़नेस टायकून सुब्रत रॉय से जुड़ी थी, जिन्होंने 1990 के दशक में नाम कमाया लेकिन लाखों निवेशकों को धोखा देने के आरोपों के बाद उनका साम्राज्य ढह गया—एक रहस्यमय दुनिया थी. यह जगह देश के चुनिंदा वीआईपी लोगों के लिए आरक्षित थी, जिनमें नेता, फिल्मी सितारे, खिलाड़ी और बड़े कारोबारी शामिल थे.
सोमवार को लखनऊ नगर निगम ने लीज़ और लाइसेंस एग्रीमेंट के उल्लंघन के आरोप में इस आलीशान प्रॉपर्टी को सील कर दिया. कभी यहां एक भव्य महलनुमा आवास, लग्जरी गेस्टहाउस, हेलिपैड, पेट्रोल पंप और ऑडिटोरियम हुआ करते थे.
सीलिंग प्रक्रिया में शामिल एक अधिकारी ने बताया, “कंप्लेक्स में प्रवेश करते ही सबसे पहले भारत माता को समर्पित मंदिर दिखता है. पास में ही एक थिएटर और ऑडिटोरियम भी है. अंदर की ओर गेस्टहाउस की एक कतार है, जो अलग-अलग श्रेणियों में बंटी हुई है और एक बड़ा स्विमिंग पूल भी है. थोड़ा और अंदर जाने पर रॉय और उनके परिवार के लिए बना 30 से ज़्यादा कमरों वाला महलनुमा घर है.”
सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की है. कंपनी का कहना है कि सिविल कोर्ट का स्टे होने के बावजूद बिना कोई पूर्व नोटिस दिए प्रशासन ने ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया. याचिका में नगर निगम के आदेशों को रद्द करने की मांग की गई है.
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह ज़मीन 1995 में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने 30 साल की लीज़ पर सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड को दी थी. इसे एक रिहायशी कॉलोनी के रूप में विकसित करने के लिए मंज़ूरी दी गई थी, लेकिन इसकी जगह इसे एक आलीशान परिसर में बदल दिया गया. इसी कारण 1997 में लीज़ डीड रद्द कर दी गई थी और मामला अदालत पहुंच गया.
प्राइवेट हेलिपैड, 6,000 सीटों वाला ऑडिटोरियम और स्टेडियम
‘भारत माता’ की प्रतिमा और बड़े से ‘सहारा इंडिया परिवार’ के बोर्ड वाले बंद गेटों के पीछे क्या है? दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, इस विशाल परिसर में 200 सीटों वाला एक सिनेमा हॉल था, जहां नई फिल्में अक्सर प्रीमियर होती थीं. वक्त के साथ यह जगह फिल्म सितारों, राजनीतिक नेताओं और खेल जगत की मशहूर हस्तियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई, जिससे इसकी शानो-शौकत और बढ़ी.
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि सहारा सिटी में एक प्राइवेट हेलिपैड भी था, जिसका इस्तेमाल सुब्रत रॉय, उनके परिवार और अन्य वीआईपी मेहमान करते थे. पूरे कैंपस में घूमने के लिए बैटरी से चलने वाली गाड़ियां थीं. यहां एक शानदार स्विमिंग पूल और ऑर्गेनिक फार्म भी था.
इसके सबसे आकर्षक ढांचों में से एक था ‘जल महल’ — वीआईपी गेस्ट हाउस जिसे कभी सहारा सिटी का सबसे कीमती हिस्सा माना जाता था. इसके सामने एक तालाब था जिसमें भारत और विदेशों की दुर्लभ मछलियां रखी गई थीं. सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि अमिताभ बच्चन समेत कई फिल्मी सितारे अक्सर जल महल में ठहरते थे, जहां केवल चुनिंदा कर्मचारियों की ही एंट्री होती थी. आज वह महल और तालाब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं.
सहारा सिटी के अंदर अब भी 20 से ज़्यादा लग्जरी कारें—जिनमें ऑडी और बीएमडब्ल्यू जैसी गाड़ियां शामिल हैं, खड़ी हैं.
एस.के. मिश्रा, जिन्होंने यहां 25 साल काम किया, उन्होंने कहा कि सहारा सिटी को खाली होते देखना बेहद दुखद है. उन्होंने बताया कि कभी यहां हेल्थकेयर सेंटर, सिनेमा हॉल, 6,000 सीटों वाला ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, लॉन और एक क्रिकेट स्टेडियम भी था. 2007 में यहां भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेट टीमों ने अभ्यास किया था.
अब स्टेडियम में घास-फूस और झाड़ियां उग आई हैं और वह किसी जंगल जैसा दिखता है.
खाली कराने की प्रक्रिया के दौरान परिसर में मौजूद एक छोटी डेयरी के 35 मवेशी सहारा प्रबंधन को वापस सौंप दिए गए.
लखनऊ विकास प्राधिकरण पहले ही 70 एकड़ ज़मीन पर कब्ज़ा कर चुका है, जिसे ग्रीन बेल्ट के लिए तय किया गया था और वहां अब एक बायोडायवर्सिटी पार्क बनाया जा रहा है.
इस बीच, सहारा ग्रुप लखनऊ के विभूति खंड इलाके में स्थित अपने ‘सहारा मार्केट’ को दोबारा हासिल करने की कोशिश कर रहा है.
सुब्रत रॉय का निधन 2023 में हो गया था. उनके बेटे सुषांतों ने कथित तौर पर 2013 में अपनी मां स्वप्ना रॉय के साथ मैसिडोनिया की नागरिकता ले ली थी, उस समय जब रॉय भारत में कई कानूनी मुकदमों का सामना कर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, स्वप्ना रॉय सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद भी ‘सहारा शहर’ आती रहती थीं, लेकिन उनके बेटे कई सालों से वहां नहीं आए थे.
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