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गुरूवार, 15 मई, 2025
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बिहार विधानपरिषद में एक बार फिर नीतीश कुमार और राबड़ी देवी के बीच नोकझोंक देखने को मिली

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पटना, 25 मार्च (भाषा) बिहार विधानपरिषद में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष की नेता राबड़ी देवी के बीच एक बार फिर नोकझोंक देखने को मिली। नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी से कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी होने के सिवा उनका कोई महत्व नहीं है।

जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार एक बार फिर मंगलवार तब नाराज हो गये, जब विधानपरिषद में राजद के सदस्य हरे रंग के बैज लगाकर पहुंचे, जिन पर नारे लिखे थे कि राज्य में वंचित जातियों के लिए ‘तेजस्वी सरकार’ ने आरक्षण बढ़ा दिया था, लेकिन भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद इसे छीन लिया गया। हरा रंग राजद के झंडे का रंग है।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव तब उपमुख्यमंत्री थे, जब 2023 में कानून पारित कर आरक्षण बढ़ाया गया था। हालांकि, कुछ महीनों बाद पटना उच्च न्यायालय ने उसे रद्द कर दिया था।

बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार अपने पूर्व सहयोगी द्वारा इस लोकलुभावन कदम का श्रेय लेने के प्रयास से स्पष्ट रूप से नाराज नजर आये। उन्होंने विधानपरिषद में एक (राजद) सदस्य को खड़ा होने को कहा, ताकि बैज और उस पर लिखे नारे स्पष्ट रूप से नजर आएं।

मीडिया दीर्घा की ओर देखते हुए नीतीश कुमार (70) ने कहा, ‘‘इस तमाशे को देखिए। यह आप केवल इसी पार्टी में यह देख सकते हैं।’’

राबड़ी देवी अपनी पार्टी का मजाक उड़ाये जाने के खिलाफ विरोध जताने के लिए खड़ी हुईं, लेकिन नीतीश कुमार ने उनसे कहा, ‘‘आप इससे दूर ही रहिए। यह पार्टी आपकी नहीं, आपके पति की है।’’

सदन में हाल में कई बार कुमार और राबड़ी देवी के बीच वाकयुद्ध देखने को मिला है।

मीडिया दीर्घा और सत्ता पक्ष के अपने सहयोगियों की ओर देखते हुए कुमार ने कहा, ‘‘इस बेचारी महिला को उनके पति ने ऐसे समय में आगे बढ़ाया, जब वह मुसीबत में थे।’’

उल्लेखनीय है कि राबड़ी देवी 1997 में मुख्यमंत्री बनी थीं, जब चारा घोटाले में सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल किये जाने के बाद उनके पति लालू प्रसाद को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।

संयोगवश, प्रसाद के पूर्व सहयोगी कुमार ने एक साल पहले ही उनसे अलग होकर भाजपा के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, जिसकी परिणति 2005 में राजद को सत्ता से उखाड़ फेंकने के रूप में हुई।

तब से दोनों धुर विरोधी दलों के बीच दो अल्पकालिक गठबंधन हुए हैं। हाल में, कुमार बार-बार याद दिलाते रहे हैं कि कैसे राजद सुप्रीमो ने राज्य की बागडोर अपनी गृहिणी पत्नी को सौंप दी, ताकि वह छद्म रूप से शासन जारी रख सकें।

इसके कारण राजद ने आरोप लगाया है कि कुमार ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है और इसलिए वह राज्य पर शासन करने के लिए अयोग्य हैं।

उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने कहा, ‘‘आरक्षण बढ़ाने के लिए विधेयक लाने का श्रेय नीतीश कुमार को जाता है। हम सभी ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया था।’’

बाद में, राजद के विधानपरिषद सदस्यों ने परिसर की सीढ़ियों पर धरना दिया।

संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राजद के विधान परिषद सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा, ‘हम आरक्षण बढ़ाने के लिए नए कानून की मांग करते हैं, जिसे न्यायिक समीक्षा से बचाया जाना चाहिए। केंद्र में सत्तारूढ़ राजग को इस कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करना चाहिए।’

भाषा

राजकुमार दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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