नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल की तस्वीर लेने को लेकर श्रीनगर जाने वाले विमान यात्रियों के बीच गजब का जुनून देखने को मिल रहा है। इस पुल का उद्घाटन छह जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
रेल मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, विमान के पायलट विशेष घोषणाएं कर रहे हैं और यात्री दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल (मेहराबदार पुल) की तस्वीरें लेने के प्रति काफी उत्सुकता दिखा रहे हैं।
रेलवे बोर्ड के सूचना और प्रचार मामलों के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने रविवार को कहा, ‘‘चिनाब नदी पर बना पुल हर ऊंचाई से प्रशंसा प्राप्त करता है, जहां धरती से उठे गर्व की गूंज बादलों के बीच गूंजती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन दिनों जम्मू-कश्मीर की शानदार घाटियों से गुजरने वाली हर उड़ान एक खास पल का गवाह बनती है। जैसे ही विमान चिनाब घाटी के पास पहुंचता है, पायलट की आवाज केबिन में गूंजती है: ‘‘आपके नीचे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे-मेहराब पुल (चिनाब पुल) है।’’
जैसे ही यह घोषणा होती है, यात्री खिड़कियों की ओर दौड़ पड़ते हैं और अपने मोबाइल फोन पर इस ऐतिहासिक चमत्कार का वीडियो रिकॉर्ड करना और तस्वीरें लेना शुरू कर देते हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘केबिन में गर्व की भावना का प्रसार होता है – यात्री ताली बजाते हैं, मुस्कुराते हैं और भारतीय इंजीनियरिंग के चमत्कार के लिए प्रशंसा के शब्द साझा करते हैं।’’
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आस-पास के गांवों और पहाड़ी क्षेत्रों के स्थानीय लोग अलग-अलग जगहों से पुल की तस्वीरें लेते और वीडियो रिकॉर्ड करते देखे जा सकते हैं।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ लोग इस पल को सीधे प्रसारित कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर तुरंत साझा कर रहे हैं।’’
कुमार के अनुसार, आसमान में उड़तीं उड़ानें चिनाब पुल को देखने का झरोखा बन गई हैं, जमीन पर भी लोग इस विस्मयकारी रचना को कैद करने में व्यस्त हैं जो भविष्य की पीढ़ियों के साथ साझा करने के लिए इतिहास के एक भाग को संरक्षित करती है।
महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के हिस्से के रूप में ‘चिनाब पुल’ दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे-मेहराब पुल है। नदी तल से 359 मीटर ऊपर यह सलाल बांध के पास चिनाब नदी पर बना है और इसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है।
इसका इस्पात से बना मुख्य मेहराब अकेले 467 मीटर लंबा है और यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा को भी झेल सकता है।
यह एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा और कुतुब मीनार से लगभग पांच गुना ऊंचा है। इस विशाल संरचना को बनाने में 28,000 मीट्रिक टन इस्पात का इस्तेमाल किया गया है।
भाषा संतोष नेत्रपाल
नेत्रपाल
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