पटना, 21 जुलाई (भाषा) बिहार विधानसभा में सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के सदस्यों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर प्रदर्शन किया।
इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के सदस्य एसआईआर के विरोध में काले कुर्ते पहनकर विधानसभा परिसर में पहुंचे।
भाकपा (माले) लिबरेशन के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने गलत तरीके से बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाने का आदेश दिया है। अंदेशा है कि इससे सत्तारूढ़ राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को मदद मिलेगी, जो आगामी विधानसभा चुनावों में भारी हार की कगार पर है। हम सदन से सड़क तक इसके खिलाफ लड़ेंगे।’’
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कई विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर एसआईआर के खिलाफ नारे लगाने लगे और विधानसभा में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हाल में आपराधिक घटनाओं में हुई बढ़ोतरी पर बयान देने की मांग करने लगे।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) विधायक अख्तरुल ईमान एसआईआर के खिलाफ नारे लगाते हुए आसन के निकट आ गए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने उन्हें अपनी सीट पर वापस जाने को कहा।
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन ने दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।
भाषा खारी वैभव
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