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बुधवार, 2 जुलाई, 2025
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राज ठाकरे से जुड़ी चर्चा पर चव्हाण ने कहा: गठबंधन को लेकर सिर्फ उद्धव और पवार से बात करेगी कांग्रेस

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नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दोनों गुटों के विलय को लेकर जारी चर्चा के बीच बुधवार को कहा कि कांग्रेस गठबंधन के संदर्भ में सिर्फ शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) के प्रमुखों से बात करेगी तथा किसी तरह का ‘सहायक गठजोड़’ बनाने का फैसला उन पर छोड़ देगी।

चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में यह भी स्पष्ट किया कि यदि राकांपा के दोनों गुटों का विलय होता है और वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा बनते हैं तो कांग्रेस का शरद पवार के साथ गठबंधन जारी रखना मुश्किल होगा।

उनका यह भी कहना था कि उद्धव और राज का साथ आने की चर्चा उनका ‘‘पारिवारिक विषय’’ है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता चव्हाण ने कहा, ‘‘अगर हम (स्थानीय निकाय चुनावों में) गठबंधन में जाते हैं, तो हमें गठबंधन सहयोगियों के नेताओं के साथ सीट साझा करनी होगी, जो कि शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे और राकांपा (एसपी) के शरद पवार हैं। अब, वे किसके साथ सहायक गठजोड़ करते हैं, यह पूरी तरह से उनका मामला है।’’

राज ठाकरे के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर, चव्हाण ने कहा, ‘‘हमारा अनुभव है कि वह महाराष्ट्र की राजनीति में एक वरिष्ठ नेता हैं। उनकी सभाओं में बहुत भीड़ आती है, लेकिन वह वोटों में तब्दील नहीं होती है। यही कारण है कि वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा में उनकी कोई उपस्थिति नहीं है।’’

उनके मुताबिक, ठाकरे परिवार के दोनों चचेरे भाइयों के साथ आने से शिवसेना का पहले का वोट एक साथ जुड़ेगा और उन्हें कुछ लाभ मिल सकता है।

चव्हाण ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हम केवल उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ बातचीत करेंगे।’’

राकांपा के दोनों गुटों के विलय से जुड़ी चर्चा पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह बहुत आसान नहीं है क्योंकि जमीनी स्तर पर चुने गए विधायकों और सांसदों का विचार है कि विकास कार्य करने के लिए सत्तारूढ़ दल के साथ गठबंधन होना चाहिए ताकि हमें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए कुछ लाभ मिल सके, जबकि अन्य लोग कह रहे हैं कि ‘‘जब हमने इतनी कठिन लड़ाई लड़ी तो हम किसी के भी साथ गठबंधन नहीं कर सकते।’’

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि राकांपा के मामले में क्या होगा और विलय की स्थिति में दल का कौन नेता होगा या क्या दोनों गुट में शामिल हो जाएंगे?

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, सभी विकल्प खुले हुए लगते हैं और फैसला उन्हें करना है। मुझे नहीं लगता कि हमसे सलाह मांगी जाएगी, लेकिन हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। अगर वे राजग का हिस्सा बनते हैं, तो महाराष्ट्र में (उनके साथ हमारा) गठबंधन जारी रखना मुश्किल हो जाएगा।’’

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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