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Saturday, 16 November, 2024
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एनसीबी की विभागीय जांच के आधार पर माना जा रहा कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए कोई राशि नहीं मांगी गई

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(कॉपी में सुधार के साथ)

(नीलाभ श्रीवास्तव)

नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की एक विभागीय जांच के आधार पर माना जा रहा है कि क्रूज मादक पदार्थ मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के एवज में कोई राशि नहीं मांगी गई थी।

एनसीबी के सतर्कता विभाग की जांच में पैसे मांगने के आरोप की पुष्टि करने संबंधी कोई सबूत नहीं मिला है।

दरअसल, इस मामले में प्रभाकर सैल नामक एक गवाह ने एक हलफनामे के अलावा मीडिया के साथ बातचीत में दावा किया था कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। इसके तुरंत बाद एनसीबी के महानिदेशक एस एन प्रधान ने इस मामले में एजेंसी के सतर्कता विभाग को जांच का आदेश दिया था।

आर्यन खान को पिछले साल दो अक्टूबर को कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी के दौरान पकड़ा गया था और 22 दिन जेल में बिताने के बाद उन्हें जमानत मिली थी। एनसीबी ने पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण इस मामले में आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी है।

प्रभाकर सैल जिनकी अब मौत हो चुकी है, ने आरोप लगाया था कि उन्होंने मामले में एक गवाह केपी गोसावी को सैम डिसूजा नाम के एक व्यक्ति के साथ फोन पर बात करते हुए सुना था। प्रभाकर के मुताबिक, वे 18 करोड़ रुपये में इस मामले को सुलझाने के सौदे के बारे में बात कर रहे थे, जिसमें से आठ करोड़ रुपये एनसीबी की मुंबई इकाई के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को दिए जाने थे।

पुलिस के मुताबिक, प्रभाकर सैल (40) की अप्रैल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

सैल ने दावा किया था कि तीन अक्टूबर, 2021 को उन्होंने गोसावी को सैम के साथ शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी से मिलते हुए देखा और मुंबई के लोअर परेल इलाके में खड़ी नीली मर्सिडीज कार में उनकी एक छोटी मुलाकात हुई। उन्होंने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने दो बैग एकत्र किए जिनमें 38 लाख रुपये नकद थे।

वानखेड़े ने जहां इन आरोपों से इनकार किया है, वहीं गोसावी वर्तमान में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में पुणे की जेल में बंद है।

सूत्रों ने कहा कि सतर्कता विभाग की जांच में कथित तौर पर पाया गया है कि आर्यन खान के परिवार से वसूली के आरोप सही नहीं हैं क्योंकि आरोप की पुष्टि करने वाले कोई भौतिक या तकनीकी सबूत नहीं मिले। उन्होंने कहा कि कथित साजिश में सैल द्वारा नामित लोगों ने जांचकर्ताओं या संबंधित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इस तरह की कोई मांग किए जाने से इनकार किया।

समझा जाता है कि सतर्कता विभाग की जांच टीम ने ‘सभी पक्षों’ से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए, जिनमें सैल और एनसीबी की मुंबई इकाई के वानखेड़े, वी वी सिंह तथा आशीष रंजन प्रसाद जैसे अधिकारी एवं शाहरुख खान तथा ददलानी शामिल हैं।

एनसीबी के उप-महानिदेशक (उत्तरी क्षेत्र) ज्ञानेश्वर सिंह द्वारा की गई इस जांच की अंतिम रिपोर्ट जल्द ही महानिदेशक प्रधान को सौंपे जाने की उम्मीद है।

भाषा रवि कांत नेत्रपाल

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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