सुति (पश्चिम बंगाल), छह मई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर से नीम की लकड़ी चुराकर उसका इस्तेमाल दीघा स्थित मंदिर के लिए मूर्तियां बनाने में किया गया।
ममता के बयान से एक दिन पहले, ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि अंतरिम जांच रिपोर्ट के अनुसार, दीघा में स्थापित मूर्तियों को बनाने के लिए पुरी मंदिर की किसी भी पवित्र लकड़ी का उपयोग नहीं किया गया। इस तरह का विभिन्न हलकों में आरोप लगाया गया था।
बंगाल की मुख्यमंत्री ने ऐसे आरोप लगाने वालों को यह साबित करने की चुनौती भी दी कि नीम की लकड़ी पुरी स्थित 12वीं शताब्दी के मंदिर से चुराई गई थी।
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा समर्थित दीघा मंदिर परियोजना को एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में पेश किया गया है।
बनर्जी ने कहा, ‘वे कहते हैं कि मैंने जगन्नाथ मंदिर से लकड़ियां चुराई हैं। मैं ऐसा क्यों करूं? बंगाल में हमारे पास बहुत सारे नीम के पेड़ हैं। यहां तक कि मेरे घर पर भी नीम के चार पेड़ हैं। दीघा के जगन्नाथ मंदिर में 500 पेड़ लगाए गए हैं और 100 और लगाए जाएंगे। हमें किसी की भीख नहीं चाहिए।’
वह यहां मुर्शिदाबाद जिले में सार्वजनिक वितरण सरकारी कार्यक्रम में बोल रही थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम भिखारी नहीं हैं, जेबकतरे नहीं हैं। हम संरक्षक हैं, चोर नहीं। मैंने इतना सुंदर मंदिर बनवाया, जो दुनिया के अजूबों में से एक है और वे आरोप लगा रहे हैं कि मैंने नीम की लकड़ी चुराई है। इसे साबित करें, नहीं तो आने वाले दिनों में लोग इसका करारा जवाब देंगे।’
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नोमान रंजन
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