नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली दंगों के आरोपी पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को लेकर सोमवार को टिप्पणी की कि ऐसे सभी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए तथा अर्जी पर सुनवाई 21 जनवरी तक के लिए टाल दी।
हुसैन ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत मांगी है।
न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी, लेकिन जैसे ही पीठ उठने लगी, हुसैन के वकील ने मामले का उल्लेख किया और 21 जनवरी को सुनवाई का अनुरोध किया।
पीठ ने जवाब में टिप्पणी की, ‘जेल में बैठकर चुनाव जीतना आसान है। ऐसे सभी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए।’
उनके वकील ने कहा कि हुसैन का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को हुसैन को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत में पैरोल प्रदान की थी।
हालांकि, अदालत ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की उनकी याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि हिंसा में मुख्य आरोपी होने की वजह से हुसैन के खिलाफ आरोपों की गंभीरता की अनदेखी नहीं की जा सकती, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि दंगों के सिलसिले में उसके खिलाफ लगभग 11 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और वह संबंधित धन शोधन मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में हैं।
फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
भाषा
नोमान माधव
माधव
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