नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हम कुलभूषण जाधव के मामले में कूटनीतिक माध्यमों से आईसीजे के फैसले को पूर्ण और प्रभावी रूप से लागू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में आज पाकिस्तान द्वारा दिया गया मीडिया बयान आईसीजे के नियमों के अनुसार नहीं है.
उन्होंने कहा कि जाधव की सुरक्षा के लिए और भारत में उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी कोशिश करेगी. इसके लिए सरकार सभी उपयुक्त विकल्पों पर विचार करेगी.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का दावा है कि जाधव, जिन्हें पाकिस्तान की हिरासत में रखा गया है, ने समीक्षा याचिका शुरू करने से इनकार कर दिया है, यह पिछले चार वर्षों से चल रहे फरेब का एक सिलसिला है. जाधव को फार्सियल ट्रायल के जरिए फांसी की सजा सुनाई गई है. वह पाकिस्तान की सेना के कब्जे में हैं. उनके मामले में समीक्षा दर्ज करने से इनकार करने के लिए उन्हें स्पष्ट रूप से मजबूर किया गया है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 20 मई 2020 को उच्च न्यायालय द्वारा अपने सैन्य अदालत द्वारा दी गई सजा की समीक्षा करने के लिए एक अध्यादेश पारित किया है. अब, लगभग एक वर्ष के बाद, उन्होंने यू-टर्न लिया है और किसी प्रकार की समीक्षा के लिए एक अध्यादेश जारी किया है. हमने पहले ही अध्यादेश की सामग्री पर अपनी गंभीर चिंताओं को व्यक्त किया है और यह आईसीजे के फैसले का उल्लंघन करता है. पाकिस्तान केवल भ्रम पैदा करना चाहता है.
उन्होंने कहा कि हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद, पाकिस्तान भारत को जाधव की स्वतंत्र और अबाधित पहुंच से वंचित करता रहा है. भारत ने पाकिस्तान के बाहर के किसी वकील को किसी भी समीक्षा और पुनर्विचार कार्यवाही में जाधव के लिए उपस्थित होने की अनुमति देने के लिए कहा है. पाकिस्तान ने इससे इनकार किया है.
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उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से, जब सैन्य अदालत ने एक मुकदमे की सुनवाई की, तो पाकिस्तान ने भारत को मामले में एफआईआर, सबूत, अदालत के आदेश आदि सहित किसी भी प्रासंगिक दस्तावेज को सौंपने से इनकार कर दिया. जाहिर है, पाकिस्तान आईसीजे के फैसले का अनुपालन करने का बहाना बना रहा है.
उन्होंने कहा कि आईसीजे पहले ही यह मान चुका है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है.