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Saturday, 4 May, 2024
होमदेशश्रीनगर में 2004 में बंदी बनाकर दो महीने तक रेप किया और जबर्दस्ती कुरान पढ़वाया गया: ऑस्ट्रेलियाई सर्फर

श्रीनगर में 2004 में बंदी बनाकर दो महीने तक रेप किया और जबर्दस्ती कुरान पढ़वाया गया: ऑस्ट्रेलियाई सर्फर

एक नई किताब में सर्फर कार्मन ग्रीनट्री ने, जो 2004 में दलाई लामा से मिलने भारत आईं थीं, खुलासा किया है कि उसकी बजाय कैसे वो श्रीनगर में एक हाउसबोट पर कैद हो गईं.

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श्रीनगर: पूर्व ऑस्ट्रेलियन प्रो सर्फर कार्मन ग्रीनट्री ने अपनी एक नई किताब में खुलासा किया है कि 2004 में जब वो भारत आईं, तो जम्मू-कश्मीर में एक हाउसबोट मालिक ने उन्हें कैद कर लिया और कथित रूप से बार-बार उनका रेप किया.

ग्रीनट्री 22 साल की थीं, जब धर्मशाला में दलाई लामा से मिलने के लिए भारत आईं थीं. अपनी किताब अ डेंजरस परसूट ऑफ हैप्पिनेस के बारे में बात करते हुए, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के डेली मेल को बताया, कि नई दिल्ली पहुंचने पर वो कुछ धोखेबाज़ों का शिकार हो गईं, जिन्होंने खुद को सरकारी टूरिज़्म ऑपरेटर्स के तौर पर पेश किया.

सर्फर को धोखे से श्रीनगर की फ्लाइट में बिठा दिया गया, जहां उसके कथित बलात्कारी रफ़ीक अहमद दुंदू ने उसे रिसीव किया और फिर दो महीने तक अपनी हाउसबोट में बंदी बनाए रखा. सर्फर का दावा है कि रफ़ीक ने उसका पासपोर्ट और सामान ले लिया और बार-बार उसका बलात्कार भी किया.

ग्रीनट्री का आरोप है कि दुंदू का परिवार जिसमें उसकी बीवी, मां-बाप, भाई और बच्चे शामिल थे, उसी बोट पर रहते थे, लेकिन उन्होंने उसकी मदद नहीं की.

उसे बचाए जाने के बाद, दुंदू और उसके भाई शब्बीर अहमद दुंदू को गिरफ्तार कर लिया गया. वो 6 महीने जेल में रहे, लेकिन उनपर जुर्म साबित नहीं हो सका क्योंकि ग्रीनट्री उनके खिलाफ गवाही देने के लिए लौटकर नहीं आई. दिप्रिंट स्वतंत्र रूप से इस दावे की पुष्टि नहीं कर सका.

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ग्रीनट्री, जो अब होलिस्टिक मेडिसिन में काम करती हैं, का ये खुलासा मामले के प्रकाश में आने के 16 साल बाद सामने आया है. उस समय उनकी शिनाख्त नहीं की गई थी.

लेकिन 2004 में जो वाक़या खबरों में आया था, उसके घटनाक्रम में कुछ विसंगतियां नज़र आती हैं.


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‘सबसे खराब तब लगा जब मैंने हार मान ली’

जैसा कि उन्होंने डेली मेल को बताया, 2003 में वीमन्स वर्ल्ड चैम्पियनशिप टुअर में हिस्सा न ले पाने के बाद, ग्रीनट्री ने जो उस समय कार्मन बुकर थीं, ‘घूमने-फिरने और आध्यात्मिकता की तलाश के लिए ब्रेक ले लिया’.

दिल्ली पहुंचने के बाद उसे धोखे से श्रीनगर की फ्लाइट में बिठा दिया गया. जम्मू-कश्मीर की राजधानी में उसके कथित बलात्कारी, रफीक अहमद दुंदू ने उसे एयरपोर्ट से लिया और उससे कहा कि अकेली महिला के लिए बाहर रहने में बहुत खतरा है और उसे दुंदू के साथ रहना चाहिए.

दुंदू ने उससे कहा कि धर्मशाला के लिए बस लेने से पहले, वो रात भर के लिए वाईएच सनबीम नाम की हाउसबोट पर रहेगी. उसकी बजाय दुंदू ने उसके साथ ज़बर्दस्ती की और उसका पासपोर्ट और पैसा ले लिया.

उसने संडे मेल को बताया, ‘सबसे खराब उस वक्त लगा जब मैंने हार मान ली और जो वो चाहता था उसे लेने दिया. वो पहली बार था जब उसने मुझे रेप किया. मैं बहुत थकी हुई थी, मैं और नहीं लड़ सकती थी और मैं जानती थी कि वो रुकने वाला नहीं है’.

ग्रीनट्री के मुताबिक, उसे लगा कि एक बार रेप कर लेने के बाद, दुंदू उसे जाने देगा. लेकिन अगले दो महीने तक दुंदू ने हर रात उसे रेप किया और जब भी उसने जाने के लिए कहा तो पिटाई भी की.

ग्रीनट्री ने कहा, ‘मुझे ये भी याद नहीं कि उसने कितनी बार मुझे रेप किया. मैंने उसे दिमाग से निकाल दिया है, उसके ज़्यादातर हमले मुझे अब याद भी नहीं हैं’.

उसने ये भी आरोप लगाया कि दुंदू ने उसके अकाउंट से सारे पैसे निकाल लिए और उसे मजबूर किया कि हाउसबोट पर मौजूद एक फोन से, अपनी फैमिली को कॉल करके और पैसे भेजने के लिए कहे.

ग्रीनट्री ने डेली मेल को बताया कि दुंदू के परिवार ने, बच निकलने में उसकी मदद नहीं की और उसे पारंपरिक कश्मीरी पोशाक पहनाकर, दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ने के लिए मजबूर किया गया. उससे ज़बर्दस्ती कुरान भी पढ़वाया गया.


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बचाव और उसकी डायरी

अपनी रिहाई की बात करते हुए कारमन ग्रीनट्री ने बताया कि उसकी रिहाई तभी हो पाई, जब उसके एक करीबी दोस्त ने सपना देखा कि सर्फर मुसीबत में थी.

ग्रीनट्री ने बताया कि उसके दोस्त ने, दिल्ली में ऑस्ट्रेलियन हाई कमीशन को मामले की जांच के लिए राज़ी कर लिया, और आख़िरकार स्थानीय पुलिस को खबर की गई.

उसने कहा कि पुलिस ने पहले उसे बचाया और फिर उसके कागज़ात और पासपोर्ट लेने के लिए हाउस बोट गई. बाद में दुंदू और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया.

ग्रीनट्री के मुताबिक, अपनी कैद के दौरान उसने एक डायरी रखी हुई थी लेकिन उसने डायरी को फाड़ दिया, जब उसे अपने दोस्त से पता चला कि उसे बचा लिया जाएगा.

डीटेल्स में विसंगतियां

2004 में घटना के बारे में जो ख़बरें छपी थीं, उनमें कुछ विसंगतियां नज़र आती हैं.

रीडिफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनगर पूर्वी जोन के पुलिस अधीक्षक आनंद जैन ने कहा था, ‘यहां पहुंचने के बाद ऑस्ट्रेलियन महिला ने एक महीने के लिए यहां रुकने का फैसला किया क्योंकि वो दलाई लामा से मिलने के लिए, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला जाने की योजना बना रही थी’.

इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया स्थित द संडे मॉर्निंग हेराल्ड और द एज में उस समय छपी खबरों में कहा गया था कि ग्रीनट्री किसी तरह बोट से बच निकलकर दिल्ली भाग आई थी, जहां उसने ऑस्ट्रेलियन हाई कमीशन के अधिकारियों से मुलाकात की.


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द हेराल्ड ने राज्य के पुलिस इंस्पेक्टर जनरल के राजिंद्रा का हवाला देते हुए कहा था, ‘राजधानी में महिला ने ऑस्ट्रेलियन हाई कमीशन में अपनी शिकायत दर्ज की, जिसने इस मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ऑस्ट्रेलियन हाई कमीशन से शिकायत मिलने के बाद, इस हफ्ते के शुरू में मामले की जांच शुरू की’.

दिप्रिंट ने मंगलवार शाम को एक टिप्पणी के लिए राजिंद्रा से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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