इंदौर (मध्यप्रदेश), 24 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के दौरान अपने पति को खोने वाली जेनिफर नथानियल (54) खूबसूरत पर्यटक स्थल पर परिवार के साथ चंद खुशनुमा पल बिताने गई थीं, लेकिन इस यात्रा ने उन्हें जीवन भर का दर्द दे दिया।
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटन स्थल बैसरन में मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे जिनमें जेनिफर के पति सुशील नथानियल (58) शामिल थे।
नथानियल, इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंधक के रूप में पदस्थ थे।
आतंकियों ने नथानियल की बेटी आकांक्षा (35) के पैर में गोली मारकर उसे घायल कर दिया था। आतंकी हमले के वक्त जेनिफर और उनका बेटा ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) सुरक्षित बच गए।
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, जब नथानियल की मौत पर शोक जताने के लिए बृहस्पतिवार शाम उनके घर पहुंचे, तो उनकी पत्नी जेनिफर ने उन्हें आतंकी हमले का आंखों देखा हाल सुनाया।
जेनिफर ने बताया, ‘‘आतंकियों ने गोली मारने से पहले मेरे पति को कलमा पढ़ने को कहा था। मेरे पति ने उन्हें कहा कि वह ईसाई हैं और उन्हें कलमा पढ़ना नहीं आता। मेरे पति ने सच बोला था।’’
उन्होंने बताया कि आतंकी हमले के दौरान मची अफरा-तफरी के बीच वह जमीन पर गिरकर बेहोश हो गई थीं।
रुंधे गले और हिचकियों के बीच जेनिफर ने बताया, ‘‘जब मुझे होश आया, तो शाम ढल चुकी थी और ठंड बढ़ गई थी। मैंने महसूस किया कि मेरे शरीर के एक तरफ का हिस्सा सुन्न पड़ चुका है और मैं हिल भी नहीं पा रही थी। मैंने जैसे-तैसे गर्दन मोड़कर देखा, तो पाया कि मेरे पति जमीन पर औंधे मुंह बेसुध पड़े थे।’’
जेनिफर ने कहा, ‘‘होश में आने पर मैंने यह भी देखा कि दो हमलावर एक-दूसरे के फोटो खींच रहे थे। इन हमलावरों ने जींस और टी-शर्ट पहन रखी थी, जबकि एक अन्य हमलावर ने कश्मीरियों का पारंपरिक लम्बा कपड़ा (फिरन) पहन रखा था।’’
जेनिफर ने बताया कि कुछ देर बाद तीनों हमलावर उनकी ओर बढ़ने लगे। उन्होंने बताया,‘‘हमलावरों को लगा होगा कि अब तक बेसुध पड़े मेरे शरीर में अचानक कुछ हलचल हुई है, लेकिन तभी एक हेलिकॉप्टर की आवाज आई और हमलावर पैदल चलते हुए मेरी निगाहों से ओझल हो गए।’’
जेनिफर ने बताया कि आतंकी हमले के दौरान किस तरह रह-रहकर गोलियों की आवाज उनके कानों में गूंज रही थी और जिसे जहां जगह मिल रही थी, बचकर भाग रहा था।
उन्होंने कहा,‘‘मैंने बहुत सारी लाशें देखी हैं। फिलहाल मैं जब भी आंखें बंद कर रही हूं, तो मुझे वे ही दृश्य दिखाई दे रहे हैं।’’
भाषा हर्ष जोहेब
जोहेब
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