नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के महत्व पर जोर दिया और कहा कि आज महिला वैज्ञानिक चंद्रयान मिशन का नेतृत्व कर रही हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “एक चीज जो देश को आगे ले जाएगी, वह है महिला नेतृत्व वाला विकास. आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत में नागरिक उड्डयन में सबसे ज्यादा पायलट हैं. महिला वैज्ञानिक चंद्रयान मिशन का नेतृत्व कर रही हैं.”
उन्होंने कहा, ”मैं माताओं, बहनों और बेटियों से कहना चाहता हूं कि आप सभी की ताकत से आज देश आगे बढ़ा है.”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला स्वयं सहायता समूहों और उनके योगदान की सराहना की और कहा कि जी-20 समूह ने महिलाओं के नेतृत्व में विकास के भारत के दृष्टिकोण को स्वीकार किया है.
महिला स्वयं सहायता समूह
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों की संख्या 10 करोड़ है.
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप किसी गांव में जाते हैं, तो आपको बैंक वाली दीदी, आंगनवाड़ी दीदी और दवाई वाली दीदी मिलेंगी. गांवों में दो करोड़ लखपति दीदी बनाना मेरा सपना है.’’
पीएम ने कहा कि सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के मकसद से कृषि-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक नयी नीति की योजना बना रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें ड्रोन के संचालन और मरम्मत का प्रशिक्षण देंगे. कई स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे. इन कृषि ड्रोनों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है. यह पहल 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ड्रोन उड़ाने से शुरू होगी.’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब देखने में आ रहा है कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) की पढ़ाई कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि जी-20 ने भी महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के भारतीय दृष्टिकोण को स्वीकार किया है.
मोदी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना हर किसी की जिम्मेदारी है कि हमारी बेटियों के साथ कोई अत्याचार न हो.’’
महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता
बता दें की इससे पहले कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि मैं सभी देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दें. मैं चाहूंगी कि हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ, हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें.
उन्होंने कहा, “आज की महिलाओं ने ऐसे अनेक क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान बना लिया है जिनमें कुछ दशकों पहले उनकी भागीदारी की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के विकास को स्वाधीनता संग्राम का आदर्श बताते हुए देशवासियों से महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की अपील की ताकि आधी आबादी साहस के साथ हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें.
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