नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद के सृजन को लेकर एक बड़ी घोषणा की. यह विभिन्न रक्षा पैनलों की लंबे समय से लंबित सिफारिश रही है. सीडीएस का काम थल सेना, नेवी और एयरफोर्स के बीच बेहतर समन्यवय बिठाना होगा.
73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं लाल किले की प्राचीर से एक महत्वपूर्ण घोषणा करना चाहता हूं. भारत में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति की जाएगी. यह बलों को और भी ज्यादा प्रभावी बनाने का काम करेगा. नई सीडीएस पोस्ट सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की देखरेख करेगी.”
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का निर्माण करना कारगिल समीक्षा समिति की एक प्रमुख सिफारिश रही है. इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत तीनों सेनाओं आर्मी, एयर फोर्स और नेवी के एकीकरण करने की बात कही गई. हालांकि, इस पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था.
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सरकार ने सशस्त्र बलों की युद्धक क्षमता को बढ़ाने और रक्षा व्यय को फिर से संतुलित करने के उपायों की सिफारिश करने के लिए सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डी.बी. शेकटकर की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया था.
समिति ने रक्षा मंत्री के मुख्य सैन्य सलाहकार के रूप में एक फोर-स्टार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को नियुक्त करने का सुझाव सरकार को दिया. कारगिल युद्ध के दौरान सेना प्रमुख रहे सेवानिवृत्त जनरल वेद प्रकाश मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषणा किए जाने के तुरंत बाद इस निर्णय का स्वागत किया.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री मोदी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद की ऐतिहासिक घोषणा करने के लिए आपका धन्यवाद.’ मलिक ने कहा, ‘यह कदम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को अधिक प्रभावी और अधिक किफायती बना देगा. यह बेहतर ज्वाइंटमैनशिप और मल्टी-डिसिप्लिनरी अकॉर्डिनेशन सुनिश्चत करेगा. आपको सलाम.’