कटरा/जम्मू, दो जून (भाषा) जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के लिए रेल सेवा के होने वाले उद्घाटन को देर आए दुरुस्त आए करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह भी ‘लंबे समय से इंतजार’ कर रहे थे, क्योंकि यह घाटी के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित कश्मीर रेल लिंक का उद्घाटन करेंगे। वह चिनाब ब्रिज और भारत के पहले केबल-स्टेड अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन करेंगे।
अब्दुल्ला ने कहा कि रेल सेवा शुरू होने से लोग ज्यादा खर्च किए बिना यात्रा कर सकेंगे और कुछ हवाई सेवा प्रदाताओं का व्यवसाय समाप्त हो जाएगा, जो 5,000 रुपये की टिकटें 20,000 रुपये में बेचकर हमें लूटते हैं।
मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को 38 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ यात्रा में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया। यह यात्रा तीन जुलाई से शुरू होगी।
अब्दुल्ला ने कटरा रेलवे स्टेशन पर संवाददाताओं से कहा, ‘अगर मैं कहूं कि मैं इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहा था तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह परियोजना तब शुरू हुई थी जब मैं स्कूल में था, शायद कक्षा सातवीं या आठवीं में। आज मेरे बच्चों ने भी अपनी शिक्षा पूरी कर ली है और अब काम कर रहे हैं।’
अब्दुल्ला ने केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह के साथ प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थलों का दौरा किया, जिनमें प्रतिष्ठित चिनाब रेल ब्रिज और कटरा रेलवे स्टेशन भी शामिल थे।
उन्होंने विशेष रूप से डिजाइन की गई वंदे भारत ट्रेन का भी निरीक्षण किया, जिसे मोदी कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक के पूरा होने के उपलक्ष्य में हरी झंडी दिखाएंगे।
अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘प्रधानमंत्री के कल के दौरे की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, चिनाब ब्रिज का दौरा किया। कल जम्मू कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जब आखिरकार घाटी देश के बाकी हिस्सों से रेलवे लिंक के जरिए जुड़ जाएगी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों होगा।’
उन्होंने कहा, ‘देर आए दुरुस्त आए। आखिरकार हम उस स्थिति में पहुंच गए हैं जब प्रधानमंत्री आएंगे और कश्मीर रेल सेवा का उद्घाटन करेंगे जिससे हम सभी को फायदा होगा।’
वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि 2014 में पदभार संभालने के बाद उन्होंने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना को तेज़ी से पूरा किये जाने को सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल की स्थापना की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह परियोजना ‘विकसित भारत’ की विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगी।
जितेंद्र सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘जब 2014 में नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तब यह काम लगभग ठप पड़ चुका था। जिस विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का प्रधानमंत्री अब उद्घाटन करने जा रहे हैं, वह कई विवादों से घिरा हुआ था। सवाल उठते थे — क्या इसे बनाना संभव होगा? क्या यह सुरक्षित होगा?’
उन्होंने कहा कि कई रेल मंत्रियों ने बार-बार इस स्थल का दौरा किया।
सिंह ने कहा, ‘एक नया अलाइनमेंट तैयार किया गया। यह महसूस हुआ कि पुल बेहद ऊंचाई पर बनेगा। जब जांच की गई, तो पता चला कि यह वास्तव में एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। यही मोदी सरकार के तहत एक ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत थी।’
केंद्रीय मंत्री ने कश्मीर तक ट्रेन को एक नए अध्याय की शुरुआत करार देते हुए कहा, ‘कटरा स्टेशन पहले ही जम्मू-कश्मीर को भारत की विकास यात्रा से जोड़ने में अहम भूमिका निभा चुका है। आने वाले दिनों में यह परियोजना ‘विकसित भारत’ की विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगी।’
भाषा
शुभम पवनेश
पवनेश
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