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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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उमर अब्दुल्ला ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का समर्थन किया

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(फाइल फोटो सहित)

जम्मू, 27 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकवाद और इसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का रविवार को समर्थन किया, लेकिन निर्दोष लोगों के खिलाफ किसी भी गलत कार्रवाई के प्रति आगाह किया।

अब्दुल्ला की यह टिप्पणी पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के बाद आतंकवादियों के मददगार तंत्र पर बड़ी कार्रवाई के बीच आई है। अभियान के तहत आतंकवादियों और उनके भूमिगत कार्यकर्ताओं के नौ मकानों को विस्फोट से उड़ा दिया गया तथा कश्मीर घाटी में सैकड़ों लोगों से पूछताछ की गई है।

पहलगाम में हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले के बाद घाटी में अभूतपूर्व आक्रोश देखने को मिला और स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इस क्षेत्र में तीन दशक से अधिक समय से आतंकवाद के इतिहास में इस तरह का प्रदर्शन पहले कभी नहीं देखा गया।

अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पहलगाम आतंकी हमले के बाद, आतंकवाद और इसके मूल के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए। कश्मीर के लोग आतंकवाद और निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं, उन्होंने यह स्वतंत्र और सहज रूप से किया है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि इस समर्थन को और बढ़ाया जाए और ऐसी किसी भी गलत कार्रवाई से बचा जाए जो लोगों को अलग-थलग कर दे। दोषियों को सजा दें, उन पर कोई दया न दिखाएं लेकिन निर्दोष लोगों को नुकसान न होने दें।’’

अब्दुल्ला ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की किसी भी ‘‘तटस्थ और पारदर्शी’’ जांच में शामिल होने की पाकिस्तान की पेशकश पर शनिवार को सवाल उठाया था।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था, ‘‘पहलगाम में हुई हालिया घटना इस निरंतर दोषारोपण के खेल का एक और उदाहरण है, जिसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए। एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका को जारी रखते हुए, पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भागीदारी करने के लिए तैयार है।’’

अब्दुल्ला ने रामबन में संवाददाताओं से कहा था, ‘‘पहले तो उन्होंने (पाकिस्तान ने) यह स्वीकार नहीं किया कि पहलगाम में कुछ हुआ है। फिर उन्होंने यहां तक ​​कह दिया कि यह भारत ने किया है। उन्होंने ही सबसे पहले हम पर आरोप लगाया था, इसलिए उनके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है।’’

शरीफ की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं उनके (पाकिस्तानी नेताओं के) बयानों पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता। मुझे इस घटना पर अफसोस है, जो नहीं होनी चाहिए थी।’’

भाषा आशीष रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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