(तस्वीरों के साथ)
कटरा (जम्मू-कश्मीर), छह जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कटरा में कश्मीर के लिए पहली रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाने के मौके पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बेहद सधे अंदाज में जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी अपनी सरकार के संकल्प को दोहराया।
वर्ष 2014 में अपनी पहली सरकार के अंतिम कार्यक्रम, कटरा रेलवे स्टेशन के उद्घाटन को याद करते हुए अब्दुल्ला ने एक ‘‘संयोग’’ की ओर इशारा किया कि शुक्रवार को कार्यक्रम में उपस्थित चार लोग उस दिन भी मंच पर थे।
अब्दुल्ला ने मजाकिया अंदाज में इसमें शामिल लोगों की अलग-अलग भूमिकाओं की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘आप (नरेन्द्र मोदी) पहली बार प्रधानमंत्री बने… आप चुनाव के ठीक बाद यहां आए। और ईश्वर की कृपा से आपने यहां कटरा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया।’’
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद, आप लगातार दो बार चुनाव जीते और इस देश के प्रधानमंत्री बने रहे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में आपके राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे… यहां तक कि हमारे आदरणीय उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो उस समय रेल राज्य मंत्री थे, भी मौजूद थे।’’
अपनी स्थिति का उल्लेख करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘और मैं, एक राज्य का मुख्यमंत्री था लेकिन अब थोड़ा पदावनत हुआ हूं और अब मैं एक केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘लेकिन मेरा मानना है कि इसे ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। और आपकी मदद से जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिल जाएगा।’’
मुख्यमंत्री द्वारा राज्य का दर्जा बहाल करने की इस अपील का वहां उपस्थित जनसमूह ने तालियों से स्वागत किया।
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया गया था।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे संपर्क परियोजना के उद्घाटन के मौके पर अपने भाषण के दौरान अब्दुल्ला ने 1980 के दशक के शुरू में इस परियोजना की शुरुआत के बाद से अब तक के महत्वपूर्ण समय पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेलवे संपर्क की दशकों लंबी यात्रा की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘जब यह परियोजना शुरू हुई थी, तब मैं आठवीं कक्षा का छात्र था। आज मेरी उम्र 55 साल है। मेरे बच्चों ने भी कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर ली है। अब यह परियोजना पूरी हो चुकी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर को रेल से जोड़ने का सपना तो अंग्रेजों ने भी देखा था, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। उनकी योजना झेलम के किनारे उरी से रेल लाकर देश से जोड़ने की थी। जो काम अंग्रेज नहीं कर पाए, वह आपके (मोदी) हाथों हुआ और कश्मीर देश के बाकी हिस्सों से जुड़ गया।’’
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर मैं इस मौके पर वाजपेयी जी को धन्यवाद नहीं दूंगा तो यह बहुत बड़ी गलती होगी… यह तब हुआ जब उन्होंने इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया और इसे बजट का हिस्सा बनाया।’’
अब्दुल्ला ने इस रेलवे परियोजना से जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले फायदों पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना से जम्मू-कश्मीर को बहुत लाभ होगा। इससे पर्यटन को लाभ होगा। इससे जम्मू-कश्मीर के निवासियों को फायदा मिलेगा।’’
मुख्यमंत्री ने राजमार्ग बंद होने के दौरान हवाई किराये में बढ़ोतरी का भी विशेष रूप से उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब बारिश होते ही राजमार्ग बंद हो जाता है, तो एयरलाइन हमें लूटना शुरू कर देती हैं। पांच हजार रुपये का टिकट अचानक कुछ ही घंटों में 20,000 रुपये का हो जाता है। लेकिन रेल संपर्क पूरा हो जाने से अब कम से कम यात्रियों को कुछ राहत मिलेगी।’’
अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि रेलवे लाइन से सेब और चेरी जैसे फलों को देशभर के बाजारों तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।
केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास की सराहना करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आपके शुभ हाथों से जम्मू-कश्मीर में एक और बुनियादी ढांचा परियोजना पूरी हो गई है। इसी तरह, कई अन्य परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं।’’
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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