केंद्रपाड़ा, 21 नवंबर (भाषा) ओडिशा तटीय क्षेत्र में गाहिरमाथा तट के पास ओलिव रिडले समुद्री कछुओं के जोड़े दिखने शुरू हो गए हैं। यह विलुप्त होते इस प्रजाति के कछुओं के प्रजनन के लिए यहां इकट्ठा होने का संकेत है।
राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से 150 किमी दूर, केंद्रपाड़ा जिले में गाहिरमाथा, ओलिव रिडले समुद्री कछुओं के जमा होने का दुनिया का सबसे बड़ा स्थान है।
वन अधिकारियों ने कहा कि गश्त लगाते हुए वन कर्मियों ने प्रजनन करने वाले कछुओं के जोड़े देखे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जलीय जंतुओं के निर्बाध प्रजनन के लिए समुद्री अभयारण्य में समुद्री मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लागू रहेगा।
उन्होंने कहा कि गाहिरमाथा के अलावा, ये संकटग्रस्त जलीय जंतु बड़े पैमाने पर प्रजनन के लिए गंजाम जिले में ऋषिकुल्या नदी के मुहाने और पुरी जिले में देवी नदी के मुहाने पर आते हैं।
साथ ही, समुद्र के पानी की शांत सतह पर, कछुओं का सर्वेक्षण करने वाली टीमों ने गाहिरमाथा तट के किनारे सैकड़ों प्रजनन वाले जोड़े देखे।
गाहिरमाथा वन परिक्षेत्र अधिकारी मानस दास ने कहा कि प्रजनन के मौसम की समाप्ति के बाद, ज्यादातर नर कछुए आमतौर पर मादा कछुओं को अंडे देने के लिए छोड़कर चले जाते हैं।
मादा अंडे देने के लिए आमतौर पर रात में तटों पर आती हैं और इस घटना को ‘अरीबादा’ के रूप में वर्णित किया जाता है। कछुए इसके बाद गहरे समुद्र में चले जाते हैं और अंडों से 45 से 60 दिन के भीतर बच्चे निकलते हैं।
वन अधिकारी ने कहा कि यह एक दुर्लभ प्राकृतिक घटना है जहां बच्चे अपनी मां के बिना बड़े होते हैं।
भाषा जितेंद्र मनीषा वैभव
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