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Monday, 17 June, 2024
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अधिकारी चक्रवात रेमल से किसी की जान ना जाए और संपत्ति को न्यूनतम नुकसान हो सुनिश्चित करें: एनसीएमसी

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(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) आपातकालीन स्थिति पर निर्णय लेने वाले देश के सर्वोच्च निकाय ‘राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति’ (एनसीएमसी) ने शुक्रवार को आसन्न चक्रवात ‘रेमल’ के मद्देनजर बंगाल की खाड़ी में मौजूद सभी मछुआरों को सुरक्षित स्थानों पर लौटने के लिए कहा है और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी की जान न जाए और संपत्ति को कम से कम नुकसान पहुंचे।

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एनसीएमसी ने यहां एक बैठक में चक्रवात की तैयारियों पर चर्चा की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 12 टीमों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है और पांच अतिरिक्त टीम को तैयार रखा गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘जहाजों और विमानों के साथ-साथ सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की बचाव और राहत टीम को तैयार रखा गया है। नौवहन महानिदेशक द्वारा कोलकाता और पारादीप के बंदरगाहों पर नियमित अलर्ट और परामर्श जारी किये जा रहे हैं।’’

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे ‘रेमल’ नामक चक्रवात के रविवार आधी रात को पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच दस्तक देने का अनुमान है।

गौबा ने पश्चिम बंगाल सरकार से चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में बड़े होर्डिंग्स की स्थिति की समीक्षा करने को कहा है।

पिछले पखवाड़े मुंबई में धूल भरी आंधी के कारण एक विशाल होर्डिंग गिरने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई थी।

कैबिनेट सचिव ने पश्चिम बंगाल सरकार को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां ​​पूरी तरह अलर्ट पर हैं और सहायता के लिए उपलब्ध हैं।

आईएमडी महानिदेशक ने एनसीएमसी को खेपुपारा (बांग्लादेश) से लगभग 800 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कैनिंग (पश्चिम बंगाल) से 810 किमी दक्षिण में मध्य बंगाल की खाड़ी में दबाव की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और 25 मई की रात तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।

इसके बाद यह लगभग उत्तर की ओर बढ़ेगा। इसके 26 मई की मध्यरात्रि के आसपास सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है। इस दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में 110-120 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलेगी जिसकी गति 26 मई की शाम तक 130 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को चक्रवाती तूफान के संभावित रास्ते में आबादी की सुरक्षा के लिए किए जा रहे सतर्कता संबंधी उपायों और स्थानीय प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया।

मछुआरों को समुद्र में न जाने के लिए कहा गया है और जो लोग समुद्र में हैं उन्हें सुरक्षित स्थान पर बुलाया गया है। जिला नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय हो गए हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

पर्याप्त आश्रय स्थल, बिजली आपूर्ति, दवा और आपातकालीन सेवाएं तैयार रखी गई हैं। विद्युत मंत्रालय द्वारा तत्काल बिजली बहाली के लिए कई आपातकालीन टीम को तैनात किया गया है।

एनसीएमसी ने निर्देश दिया कि नुकसान की स्थिति में बिजली और दूरसंचार जैसी आवश्यक सेवाओं को कम से कम समय में बहाल किया जाना चाहिए।

कैबिनेट सचिव ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सभी आवश्यक निवारक और एहतियाती कदम उठाए जाएं।

उन्होंने कहा कि उद्देश्य यह होना चाहिए कि जनहानि शून्य हो और बिजली और दूरसंचार जैसे संपत्ति और बुनियादी ढांचे को न्यूनतम नुकसान हो। उन्होंने कहा कि नुकसान की स्थिति में आवश्यक सेवाओं को कम से कम समय में बहाल किया जाना चाहिए।

बैठक में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, बिजली, दूरसंचार, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा मत्स्य पालन विभाग के सचिवों के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

भाषा संतोष प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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