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Friday, 15 November, 2024
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डीएचएफएल पीएफ घोटाला मामले में अखिलेश के करीबी अधिकारी गिरफ्तार, ऊर्जा मंत्री के इस्तीफे की मांग

अखिलेश सरकार के दौरान यूपीपीसीएल के एमडी रहे और यादव के करीबी एपी मिश्र गिरफ्तार, सरकार ने इस घोटाला की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.

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लखनऊ: बिजली विभाग में हुए पीएफ घोटाले में यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्र को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में एपी मिश्रा से ईओडब्ल्यू पूछताछ कर रही है. ईओडब्ल्यू की टीम मंगलवार को डीआइजी हीरालाल के नेतृत्व में मंगलवार को अलीगंज में एपी मिश्रा के आवास पर पहुंची. वह अखिलेश सरकार के दौरान पाॅवरफुल अधिकारियों में गिने जाते थे. अखिलेश यादव ने उनकी किताब का भी विमोचन किया था.

बता दें कि सरकार ने इस घोटाला की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार देर रात सख्त तेवर अपनाते हुए यूपी पावर कारपोरेशन की मौजूदा एमडी और सचिव ऊर्जा अपर्णा यू को हटा दिया. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे आईएएस एम. देवराज को यूपी पावर कारपोरेशन का नया एमडी बनाया गया है.

सपा का पलटवार

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर घोटाला करने का गंभीर आरोप लगाया है.

समाजवादी पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इस महाघोटाला की जांच सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए. दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि जांच होगी तो सच्चाई सामने आएगी. सरकार अपनी सच्चाई छिपा रही है.’


यह भी पढ़ें: पीएफ घोटाले के मामले में कांग्रेस का आरोप, डीएचएफएल ने चुनाव में दिया था बीजेपी को चंदा


उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी की सरकार में डीएचएफएल को बिजली विभाग के कर्मचारियों के पीएफ का एक भी पैसा ट्रांसफर नही किया गया. यह सब काम भाजपा सरकार में हुआ और अपना घोटाला छुपाने की खातिर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा दूसरों पर झूठा आरोप लगाकर बेदाग साबित होना चाहते हैं.’

सपा- भाजपा में ट्वीटर वार

इस मामले पर भाजपा व सपा के नेताओं के बीच ‘ट्वीटर वार’ चल रहा है.

दोनों तरफ के नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं. भाजपा नेताओं का कहना है कि ये घोटाला सपा सरकार के दौर में हुआ वहीं सपा नेता कह रहे हैं कि योगी सरकार अब तक क्यों चुप रही.

क्यों मचा है बवाल

दरअसल मुंबई स्थित विवादास्पद कंपनी दीवान हाउसिंग फायनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) में यूपी विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने एक विवादास्पद निर्णय के तहत कथित रूप से अपने कर्मचारियों के 2,600 करोड़ रुपये के फंड का निवेश किया है. इस कथित सौदे की जानकार मिलते ही लखनऊ में बिजली विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मचा जिसके बाद शनिवार दोपहर कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार को घेरा.

ईडी ने हाल ही में की थी डीएचएफएल से पूछताछ

डीएचएफएल के प्रमोटरों से हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने दाऊद इब्राहिम के एक पूर्व सहयोगी इकबाल मिर्ची की एक कंपनी के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ की है.

पुलिस ने की कार्रवाई

देर शाम इस मामले में पुलिस ने इस मामले में यूपीपीसीएल के दो अफसरों निदेशक वित्त सुधांशु त्रिवेदी और महाप्रबंधक कॉमर्शियल पीके गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा. पुलिस ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में और भी कई बड़े अफसर शामिल हो सकते हैं. मामले के संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर शनिवार देर शाम मुकदमा दर्ज किया गया और चंद घंटों में ही कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

श्रीकांत शर्मा और अजय लल्लू ने एक दूसरे पर लगाए आरोप

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से जबाब मांगते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्री जी अगर इतना ही दूध के धुले हुए हैं तो मेरे कुछ सवालों का जबाब दें दे. सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. लल्लू ने कहा कि पूरे सूबे की जनता भाजपा के भ्रष्टाचार को देख रही है ऊर्जा मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

इसके जवाब में श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अजय लल्लू के सारे आरोप गलत हैं. या तो वह माफी मांगे या फिर उन पर मानहानी का मुकदमा किया जाएगा.

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