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Friday, 15 November, 2024
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‘अधिकारी न्याय देने के लिए’ – महिला ने की विज के ऑफिस में तोड़फोड़, पुलिस अधिकारियों को लगी फटकार

हरियाणा के गृह मंत्री ने एसपी को फोन किया, उन्हें फटकार लगाई, कार्रवाई का आदेश दिया और अंबाला में अपने नियमित जनता दरबार में उपस्थित लोगों की शिकायतों को सुनने के बाद रिपोर्ट तलब की.

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चंडीगढ़: एक महिला द्वारा अधिकारियों से मिलने की देरी के कारण हरियाणा सिविल सचिवालय के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के एक दिन बाद, राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने शनिवार को अंबाला में अपने जनता दरबार (जनसभा) के दौरान लोगों को न्याय दिलाने में देरी के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को फटकार लगाई.

अब तक साप्ताहिक रूप से आयोजित विज के दरबार में हजारों शिकायतकर्ताओं ने पुलिस और सरकार के कामकाज पर शिकायतें की हैं. शनिवार को विज के आधिकारिक प्रवक्ता विनोद कुमार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बैठक की प्रोसिडिंग्स की जानकारी दी गई.

मंत्री ने उपस्थित लोगों की समस्याएं सुनीं, संबंधित पुलिस अधीक्षकों (एसपी) से बात की और कुछ मामलों में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कड़े सवाल किए और अधिकारियों को फटकार लगाई.

तोड़-फोड़ के बारे में पूछे जाने पर विज ने दिप्रिंट से फोन पर कहा, “जब घटना हुई तब मैं कार्यालय में नहीं था. मुझे मेरे कर्मचारियों द्वारा सूचित किया गया था कि क्या हुआ था. मैं पहले ही निकल चुका था और 8वीं मंजिल से लिफ्ट के जरिए नीचे जा चुका था.”

महिला अपनी बेटी के साथ शुक्रवार को विज के कार्यालय में बहुत देर से उनका इंतजार कर रही थी. बाद में, जब उसे बताया गया कि मंत्री चले गए हैं और वे अगले दिन अंबाला में जनता दरबार के दौरान उनसे मिल सकती है, तो महिला ने कथित तौर पर उग्र होकर सचिवालय में तोड़-फोड़ शुरू कर दी- दीवारों से तस्वीरों को फाड़ दिया और उन्हें जमीन पर गिरा दिया, कॉरिडोर में लगे आग बुझाने के यंत्रों को खींच कर बाहर निकालने लगीं.

विज ने दिप्रिंट से कहा कि अगर उनके स्टाफ ने उन्हें बताया होता कि वो (महिला) इंतज़ार कर रही हैं तो वो उनसे मिल लेते. उन्होंने कहा, “लोग हजारों की संख्या में मेरे दरबार में आते हैं और मैं सभी को ध्यान से सुनता हूं.”

दरबार में उनके जुझारू मिजाज के बारे में पूछे जाने पर विज ने कहा कि वह “हम लोगों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकते”.

उन्होंने कहा, “अधिकारी लोगों की शिकायतें सुनने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हैं. तथ्य यह है कि बड़ी संख्या में लोग मेरे दरबार में आते हैं, यह दर्शाता है कि उन्हें न्याय देने के लिए जिम्मेदार लोगों में कहीं न कहीं कमी है.”

पहले विज का दरबार साप्ताहिक तौर पर लगाया जाता था, अब यह हर 15 दिन पर लगेगा.

मंत्री ने कहा, “ जनता दरबार में आने वाली शिकायतों की संख्या इतनी बड़ी है कि उन पर तत्काल कार्रवाई करना और एक सप्ताह में ‘कार्रवाई’ की रिपोर्ट मंगाना मुश्किल है. इसलिए मैंने फैसला किया है कि अब हर 15 दिन में एक जनसभा होगी.

विज ने शनिवार को ही, पुष्टि की कि उन्हें 5,000 से अधिक शिकायतें मिलीं और दरबार तब भी चल रहा था जबकि उन्होंने रात 9.30 बजे दिप्रिंट से बात की.


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शिकायतों का सिलसिला, एसपी को फटकार

विज अपने दरबार में प्राप्त शिकायतों पर पुलिस अधिकारियों के प्रति अपने सख्त रवैये और लोगों को मौके पर ही न्याय दिलाने की कोशिश के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं.

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, हरियाणा के जींद जिले की एक महिला शनिवार को विज के दरबार में आई थी और उसने शिकायत की थी कि उसके भाई और भतीजे को “फांसी लगाकर मार दिया गया है, लेकिन पुलिस इसे आत्महत्या का मामला बता रही है.” महिला ने पुलिस पर उसकी बात नहीं सुनने का आरोप लगाया है.

महिला को आश्वस्त करते हुए कि वह “उसकी लड़ाई लड़ेगा”, उन्होंने जिले के एसपी को बुलाया और मामले में महिला का पक्ष नहीं सुनने के लिए उन्हें “फटकार” लगाई. उन्होंने एसपी से मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट जल्द भेजने को भी कहा.

जींद जिले के पिल्लूखेरा गांव के एक अन्य शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसकी 14 वर्षीय भतीजी के साथ मंदिर के एक पुजारी के बेटे ने बलात्कार किया. उन्होंने कहा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.

विज ने जींद एसपी को फोन कर मामले में तत्काल कार्रवाई करने को भी कहा.

दरबार में उपस्थित लोगों में से एक राज्य के चरखी दादरी जिले का एक व्यक्ति था, जिसने आरोप लगाया कि पांच महीने पहले उस पर हुए घातक हमले के बाद उसे दिल्ली में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा था, क्योंकि हरियाणा पुलिस ने उसके तीन हमलावरों में से केवल एक को ही गिरफ्तार किया था. जबकि अन्य आरोपी खुलेआम घूम रहे थे.

विज ने शख्स की बात सुनने के बाद चरखी दादरी के एसपी से कहा, “मैं चाहता हूं कि आज शाम तक बाकी दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाए.”

एक महिला ने मंत्री को बताया कि एक जनवरी को उसकी 16-वर्षीय बेटी का एक युवक ने अपहरण कर लिया है. महिला ने कहा कि रोहतक में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने में विफल रही.

विज ने रोहतक एसपी से फोन पर मामले की हकीकत पूछी. इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी से कहा कि वह चाहते हैं कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.

अपनी व्यथा सुनाने की कोशिश में एक और महिला मंत्री के सामने फूट-फूट कर रो पड़ी. विज द्वारा एक गिलास पानी दिए जाने के बाद, उसने उसे बताया कि उसकी चार महीने की बेटी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित थी और उसके इलाज में एक बहुत महंगा इंजेक्शन लगा था. विज ने महिला को सूचित किया, “सरकार को ऑनलाइन आवेदन करें. सरकार की गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने की नीति है.”

जनवरी में इसी तरह की एक जनसभा में, हरियाणा के कैथल जिले की 27-वर्षीय एक महिला ने मंत्री को घटनाक्रम का वीडियो दिखाते हुए आरोप लगाया था कि 25 लाख रुपये की ठगी के आरोपी एक पुलिस स्टेशन में “अधिकारियों के साथ चाय पी रहे थे”.

विज ने तब कैथल के एसपी को फोन किया था और उनसे कहा, “बंद कर दूं क्या थाना?” उन्होंने एसपी से वीडियो में आरोपी के साथ चाय पीते दिख रहे अधिकारियों को निलंबित करने की भी मांग की.

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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