भुवनेश्वर, 28 अगस्त (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शुक्रवार को भुवनेश्वर में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के कल्याण से जुड़ी समितियों के अध्यक्षों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। ओडिशा विधानसभा की अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पाढ़ी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह सम्मेलन पहली बार दिल्ली से बाहर आयोजित किया जा रहा है और अब तक राज्यों, केंद्र-शासित प्रदेशों तथा संसद से लगभग 120 प्रतिनिधियों ने इसमें शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है।
उन्होंने कहा, “हमें विभिन्न राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से लगभग 240 प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद है। अब तक 120 गणमान्य व्यक्तियों ने पंजीकरण कराया है। राज्य के सभी विधायकों और सांसदों को इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।”
पाढ़ी ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में संवैधानिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करने, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों को सशक्त बनाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर जोर होगा।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन का विषय “अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण, विकास एवं सशक्तीकरण पर संसदीय तथा विधानमंडल समितियों की भूमिका” है।
पाढ़ी के मुताबिक, बिरला के अलावा अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण से जुड़ी विभिन्न संसदीय तथा विधानमंडल समितियों के अध्यक्ष भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष एक प्रदर्शनी का उद्घाटन और एक स्मारिका का विमोचन भी करेंगे।
पाढ़ी के अनुसार, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम और धर्मेंद्र प्रधान, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण से जुड़ी संसदीय समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
पाढ़ी ने बताया कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी समितियों के अध्यक्षों का पहला सम्मेलन 1976 में नयी दिल्ली में आयोजित किया गया था।
उन्होंने बताया कि राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति 30 अगस्त को समापन भाषण देंगे।
भाषा पारुल माधव
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