भुवनेश्वर, 30 जून (भाषा) ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) ने पुरी में हुई भगदड़ के लिए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को सोमवार को जवाबदेह ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार को मची भगदड़ में दो महिलाओं सहित तीन लोगों की मौत हो गयी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
कांग्रेस ने इस घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के परिजन को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि तथा गंभीर रूप से घायलों के लिए 25 लाख रुपये की की मांग की।
वहीं, माझी ने मृतकों के परिजन के लिए 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की जबकि कांग्रेस ने कहा कि यह राशि अपर्याप्त है।
यह घटना तड़के करीब 4.20 बजे उस दौरान हुई जब हजारों श्रद्धालु मंदिर के सामने खड़े रथों के पास एकत्र हुए थे।
कांग्रेस की ओडिशा इकाई के पूर्व अध्यक्ष प्रसाद हरिचंदन के नेतृत्व में ओपीसीसी के एक तथ्यान्वेषी दल ने इस घटना की जांच करने के लिए रविवार को पवित्र शहर का दौरा किया। दल ने घटनास्थल का दौरा किया तथा जिला मुख्यालय अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से मुलाकात की।
पार्टी की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘टीम को यह जानकर आश्चर्य और दुख हुआ कि इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए दो लोगों को उचित उपचार के बिना छुट्टी दे दी गई जबकि उनके पैर कथित तौर पर पूरी तरह कुचल गए थे।’’
दल ने आरोप लगाया कि आरोप लगाया कि सरकार इस घटना को कम करके दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रही है, जबकि घायल श्रद्धालुओं के उपचार की ओर आंखें मूंदे हुए है।
कांग्रेस ने कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच की सिफारिशों को ‘नीलाद्रि बिजे’ अनुष्ठान के 10 दिनों के भीतर लागू किया जाना चाहिए। यह अनुष्ठान रथयात्रा के समापन का प्रतीक है, जिसमें देवता मुख्य मंदिर में वापस लौटते हैं।
इस बीच, ओडिशा से कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका और नेता अरबिंद दास ने इसी घटना पर नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
भाषा प्रीति अमित
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