पुरी, 26 मई (भाषा) भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली और उनकी पत्नी अर्पिता पुरी समुद्र में स्पीडबोट का आनंद ले रहे थे तभी उनकी स्पीडबोट पलट गई लेकिन सुयोग से वे बाल-बाल बच गए। जिला प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
यह घटना 24 मई की शाम को हुई लेकिन इसका खुलासा सोमवार को हुआ।
पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा, ‘‘ मैंने दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं। यदि सुरक्षा प्रोटोकॉल के संबंध में ऑपरेटर की ओर से कोई चूक पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निजी ऑपरेटर ‘स्काई ड्राइव एडवेंचर एंड वाटर स्पोर्ट्स’ को ओडिशा तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जल क्रीड़ा गतिविधियां संचालित करने की अनुमति दी गई है।
पुरी के पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ हालांकि यह दुर्घटना शनिवार दोपहर को हुई लेकिन परिवार के सदस्यों ने नजदीकी पुलिस थाने में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई। सूचना मिलने के बाद हमने परिवार से संपर्क किया और यदि ऑपरेटर की ओर से कोई चूक पाई गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय बालीपांडा पुलिस थाने को यह सत्यापित करने के लिए कहा गया है कि यह घटना प्राकृतिक कारणों से हुई या मानवीय भूल से।’’
स्थानीय टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित एक वीडियो में नौका को एक विशाल लहर से टकराकर संतुलन बिगड़ते हुए और पानी में पलटते देखा जा सकता है।
‘पीटीआई-भाषा’ के पास उपलब्ध एक वीडियो संदेश में अर्पिता ने कहा, ‘‘भगवान की कृपा से हम बच गए। मैं अब भी सदमे में हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए और समुद्र में जलक्रीड़ा की व्यवस्था सही तरीके से की जानी चाहिए। मैं कोलकाता लौटने के बाद पुरी के पुलिस अधीक्षक और ओडिशा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखूंगी।’’
इस घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि नौका लगभग दस मंजिल जितनी ऊंची लहर से टकरा कर पलट गई और वह तथा उनके पति स्नेहाशीष सहित सभी यात्री समुद्र में गिर गए।
उन्होंने कहा, ‘‘शुक्र है कि ‘लाइफगार्ड’ द्वारा तुरंत कार्रवाई किए जाने से हमारी जान बच गई।’’
स्थानीय पुलिस ने कहा कि समुद्र तट पर तैनात ‘लाइफगार्ड’ मौके पर पहुंचे और पर्यटकों को बचाया। उन्होंने पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्यूब की नौकाओं का इस्तेमाल किया।
साफ तौर पर सहमी दिख रही अर्पिता ने आरोप लगाया कि ‘एडवेंचर स्पोर्ट्स’ संचालकों के ‘‘लालच’’ के कारण यह हादसा हुआ।
उन्होंने आरोप लगाया कि 10 यात्रियों के लिए बनी नौका पर केवल चार यात्री सवार थे जिसके कारण नौका का संतुलन बिगड़ गया और वह लहरों का सामना नहीं कर पाई।
उन्होंने कहा, ‘‘वजन कम होने के कारण, नौका का संतुलन बिगड़ गया और वह विशाल लहर के सामने टिक नहीं सकी। समुद्र में पहले ही काफी ऊंची लहरें उठ रही थीं।’’
अर्पिता ने कहा, ‘‘हालांकि हमने समुद्र में उच्च ज्वार के कारण सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन संचालकों ने हमें आश्वासन दिया कि यह सुरक्षित है। लेकिन जैसे ही नौका समुद्र की तरफ बढ़ी तो कुछ समय बाद ही वह एक बड़ी लहर की चपेट में आकर पलट गई।’’
सरकार से क्षेत्र में जल क्रीड़ाओं के लिए नियम सख्त करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यहां ऐसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए।
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ‘स्पीडबोट’ को एक निजी कंपनी के अप्रशिक्षित कर्मचारी संचालित कर रहे थे।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ‘‘चालक दल ऊंची लहरों में बोट को संभालने के लिए सक्षम नहीं था और कंपनी ने ऐसी गतिविधियों के लिए अनिवार्य सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी की।’’
यह भी आरोप लगाया गया कि कंपनी पुरी जिला प्रशासन से अपेक्षित अनुमति के बिना जल क्रीड़ा आयोजित कर रही थी।
सूत्रों ने बताया कि निजी ऑपरेटर ने वन्य जीव प्रभाग, पुरी के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ), जिला पर्यटन अधिकारी, पुरी और पुरी पुलिस से ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त किया था। सूत्रों ने दावा किया कि इसे ओडिशा तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण से समुद्री खेल गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति भी दी गई थी।
भाषा शोभना माधव
माधव
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