भुवनेश्वर, 12 जुलाई (भाषा) ओडिशा की मुख्य विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने शनिवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर पुरी स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की बहुप्रतीक्षित सूची के बारे में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
बीजद प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने यह आरोप तब लगाया जब कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि भगवान के खजाने की सूची बनाने का काम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दो विशेषज्ञों की नियुक्ति किये जाने के बाद किया जाएगा।
दूसरी ओर, मंत्री ने कहा कि भगवान के रत्नभंडार में मौजूद वस्तुओं की सूची बनाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, तथा राज्य सरकार ने आरबीआई प्राधिकारियों को पत्र लिखकर प्रासंगिक अनुभव वाले दो विशेषज्ञों को नियुक्त करने के लिये कहा है।
मंत्री ने कहा, ‘‘मंदिर परिसर में एक अस्थायी कोषागार में रखी भगवान की कीमती वस्तुओं को अब मरम्मत और संरक्षण कार्य पूरा होने के बाद रत्न भंडार में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। जैसे ही आरबीआई अपने विशेषज्ञ उपलब्ध कराएगा, हम सूची तैयार करेंगे।’’
बीजद नेता ने हालांकि, इसे राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई देरी की रणनीति करार दिया और कहा कि पिछले एक साल से रत्न भंडार के भंडार के बारे में अनिश्चितता है।
मोहंती ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, कानून मंत्री का कहना है कि रत्न भंडार की मरम्मत के बाद भी सूची तैयार करने में अधिक समय लगेगा।’’
बीजद नेता ने रत्न भंडार सूची प्रक्रिया में आरबीआई को शामिल करने के राज्य सरकार के कदम को भी अस्वीकार्य करार दिया।
मोहंती ने सवाल किया, ‘‘क्या पिछली सूची तैयार करते समय कभी आरबीआई की मदद ली गई है? क्या श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 में सूची तैयार करते समय आरबीआई की मदद लेने का प्रावधान है? अगर नहीं, तो रिजर्व बैंक के नाम पर इसमें देरी क्यों हो रही है?’’
उन्होंने कहा कि भगवान की बहुमूल्य वस्तुएं एक वर्ष के लिए अस्थायी सुरक्षित कमरे में रखी जाती हैं।
मोहंती ने कहा, ‘‘अब हमने देखा है कि कैसे कुछ लोग पुरी में मंदिर परिसर में मुख्य दीवार फांदकर घुस आए। भगवान जगन्नाथ के भक्त कीमती सामान की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।’’
बीजद नेता ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द मूल्यवान वस्तुओं की सूची तैयार करनी चाहिए।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने हाल ही में रत्न भंडार में मरम्मत का काम पूरा किया है।
भगवान के बहुमूल्य वस्तुओं की पिछली सूची 1978 में बनाई गई थी। राज्य की भाजपा सरकार ने रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को मरम्मत और सूची के लिए 46 साल बाद जुलाई 2024 में खोला था।
भाषा धीरज रंजन
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