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Thursday, 17 July, 2025
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ओडिशा सरकार मंदिर पर्यटन से आगे बढ़कर ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ को बढ़ावा देने पर कर रही विचार

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(विश्व भूषण महापात्रा)

भुवनेश्वर, 29 जनवरी (भाषा) ओडिशा सरकार मंदिर पर्यटन और बौद्ध सर्किट से आगे बढ़कर अब राज्य में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ और एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन, प्रदर्शनी) पर्यटन को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है।

एक अधिकारी ने बताया कि पर्यटन क्षेत्र की बात करें तो राज्य में बहुत कुछ है। उन्होंने कहा कि यहां लंबी तटरेखा, खूबसूरत मंदिर, वन्यजीव, प्राकृतिक सुंदरता, पर्यावरणीय पर्यटन स्थल, झरने, पहाड़, झीलें और बांध हैं। घरेलू पर्यटक साल भर इन जगहों पर आते हैं।

पर्यटन विभाग के अधिकारी ने बताया कि राज्य अपनी पारंपरिक पेशकशों से आगे बढ़ना चाहता है, इसलिए यह खुद को बड़े वैवाहिक और व्यावसायिक आयोजनों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाने पर जोर दे रहा है, जो राजस्थान के शाही शहरों, गोवा और केरल को टक्कर देगा।

पर्यटन निदेशक समर्थ वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विभाग ने पुरी जिले के पुरी और कोणार्क तथा गंजाम जिले के गोपालपुर जैसे लोकप्रिय समुद्र तटीय शहरों को ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, बड़ी बैठकों और सम्मेलन स्थल व पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा, ‘इन स्थानों पर आलीशान होटल हैं जहां इस तरह के आयोजन पूरे वर्ष आयोजित किए जा सकते हैं।’

वर्मा ने कहा कि इसके अलावा पर्यटन विभाग द्वारा कोणार्क, सतकोसिया, भीतरकनिका, दारिंगबाड़ी, हीराकुड, सोनापुर, पुतसिल में विकसित ‘इको-रिट्रीट’ का भी ऐसी गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘इको-रिट्रीट स्थलों पर आलीशान टेंट, कॉटेज, बड़े हॉल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इन स्थलों पर ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। अगर किसी और चीज की जरूरत होगी तो विभाग उपलब्ध कराएगा।’

प्रमुख पर्यटन स्थलों में विकसित ‘इको-रिट्रीट’ में पर्यटक विभिन्न गतिविधियों जैसे जल क्रीड़ा, वन्य जीव पर्यटन, समुद्र तट पर खेल और इनडोर खेलों में भाग ले सकते हैं, साथ ही आलीशान टेंट में रहने का आनंद भी उठा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों के सुखद अनुभव के लिए ओडिशा की समृद्ध विरासत को दर्शाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें आगंतुकों को राज्य की जीवंत परंपराओं और कलात्मकता की झलक मिलती है।

अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, निजी होटल और ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के होटल भी हैं, जहां इस तरह की ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ और एमआईसीई गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं।

राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए ओडिशा होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन (एचआरएओ) के अध्यक्ष जे के मोहंती ने कहा कि कुछ लोग, यहां तक ​​कि विदेशी भी चिल्का और पुरी के होटलों में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ समारोह का आयोजन कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य को पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

एसोसिएशन के महासचिव मिलिंद गुप्ता ने कहा कि बड़े लोगों के ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ के आयोजन के लिए 400 या 500 कमरों वाले बड़े पांच सितारा होटल बनाने की जरूरत है।

भाषा

शुभम अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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