बालासोर, 18 अगस्त (भाषा) ओडिशा के बालासोर जिले में एक परिवार ने आरोप लगाया है कि ताबूत पर चिपकाए गए ‘स्टिकर’ पर गलत नाम लिखा होने के कारण उन्हें बेंगलुरु में परिवार के मृत सदस्य के बजाय किसी अन्य व्यक्ति का शव प्राप्त हुआ।
परिजनों ने बताया कि उनके परिवार के सदस्य राकेश शॉ (21) बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में ‘सुपरवाइजर’ के तौर पर काम करते थे, लेकिन 15 अगस्त को बिजली के करंट की चपेट में आकर उनकी मौत हो गई थी।
उन्होंने बताया कि राकेश के शव को पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी के एक अन्य व्यक्ति के शव के साथ एम्बुलेंस में रखकर लाया गया और संबंधित परिवारों को सौंपा गया।
परिजनों ने सोमवार को बताया कि एम्बुलेंस राकेश के शव से संबंधित ताबूत मुलिसिंग गांव में परिवार को सौंप कर रविवार को सिलीगुड़ी के लिये रवाना हो गई।
हालांकि, जब सोरो ब्लॉक के मुलिसिंग गांव में परिवार के सदस्य को सौंपे गये ताबूत को खोला गया तो पता चला कि शव राकेश का नहीं है।
इसके बाद परिजनों ने तत्काल ताबूत भेजने की व्यवस्था करने वाली कंपनी से संपर्क किया। इस सूचना पर कंपनी ने दूसरे ताबूत को सिलीगुड़ी पहुंचाने जा रही एम्बुलेंस को बीच रास्ते से लौटकर मुलिसिंग पहुंचने के लिए कहा जिसके बाद परिजनों को राकेश का शव मिला। इसके बाद एम्बुलेंस राकेश के परिजनों को सौंपे गए पहले शव को लेकर सिलीगुड़ी के लिए रवाना हुई।
परिजनों ने आरोप लगाया कि रवाना किये जाने से पहले ताबूत पर गलत नाम के ‘स्टिकर’ लगाए जाने के कारण यह गड़बड़ी हुई।
भाषा सुमित संतोष
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