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Tuesday, 14 October, 2025
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ओबीसी संगठनों ने कुनबी प्रमाणपत्रों को लेकर जारी सरकारी आदेश वापस लेने की मांग रखी

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मुंबई, चार अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा शनिवार को बुलाई गई एक बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) संगठनों ने मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने से संबंधित सरकारी आदेश का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की।

यह बैठक यहां सह्याद्री अतिथि गृह में हुई।

इन संगठनों ने कहा कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा आजाद मैदान में पांच दिवसीय आंदोलन किए जाने के बाद दो सितंबर को जारी किया गया सरकारी आदेश ओबीसी के हितों के खिलाफ है।

उन्होंने 2014 से अब तक राज्य में जारी सभी जाति प्रमाणपत्रों और जाति वैधता प्रमाणपत्रों पर एक ‘श्वेत पत्र’ की भी मांग की।

बैठक में शामिल कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि 10 अक्टूबर को पूरे राज्य में होने वाली ओबीसी रैली पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी। सत्तारूढ़ पक्ष के कुछ लोग इसे टालना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने दो प्रमुख मांगों पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिनमें दो सितंबर को जारी सरकारी आदेश को वापस लेना और 2014 से अब तक जारी जाति प्रमाणपत्रों पर श्वेत पत्र प्रकाशित करना शामिल हैं। इसलिए ओबीसी समुदाय की संयुक्त रैली 10 अक्टूबर को तय कार्यक्रम के अनुसार ही निकाली जाएगी।’’

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार कानूनी ढांचे के भीतर हर समुदाय को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और आश्वासन दिया कि ओबीसी सहित किसी भी समूह के साथ अन्याय नहीं होगा।

फडणवीस ने बैठक में कहा, ‘‘राज्य सरकार ने जाति प्रमाणपत्र जारी करने में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है। प्रमाणपत्रों की वैधता की जांच के लिए एक सत्यापन प्रणाली और वंशावली समिति बनाई गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रमाणपत्र केवल सही दस्तावेजों के आधार पर ही जारी किए जाएं। इससे यह आशंका भी दूर हो जाती है कि केवल विवाह या हलफनामों के आधार पर प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।’’

फडणवीस ने कहा कि इस महीने ‘महाज्योति’ को 1,500 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। राज्य में ओबीसी समुदाय के लिए कुल 63 छात्रावास स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास महामंडल की सभी योजनाओं के लाभार्थियों के दायरे में अन्य पिछड़े वर्गों को भी लाया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसी एक समुदाय को आरक्षण मिलने से दूसरों के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

शिंदे ने कहा, ‘‘सभी निर्णय कानून के दायरे में लिए जाएंगे। झूठे दस्तावेज देने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी समुदाय के साथ अन्याय न हो।

बैठक में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, छगन भुजबल, पंकजा मुंडे, अतुल सावे, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव राजेश कुमार, सामाजिक न्याय और पिछड़ा कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

भाषा खारी रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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