चेन्नई, 25 फरवरी (भाषा) अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता ओ पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार को अपने पूर्व सहयोगी एडप्पादी के पलानीस्वामी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘पाखंड सफल नहीं होगा’ और याद दिलाया कि पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता ने उनकी वफादारी के लिए उन्हें (पन्नीरसेल्वम) भरत (भगवान राम के छोटे भाई) की तरह बताया था।
पन्नीरसेल्वम ने पलानीस्वामी का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें अन्नाद्रमुक और उनके प्रति उनकी ईमानदारी और वफादारी के लिए पहचाना जाता है और खुद अम्मा (जयललिता) तक ने उनकी प्रशंसा की थी।
अन्नाद्रमुक महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने 23 फरवरी को पन्नीरसेल्वम और अन्य निष्कासित नेताओं को पार्टी में वापस लेने के मुद्दे पर तीखी टिप्पणी करते हुए पन्नीरसेल्वम पर निशाना साधा और कहा कि ‘गद्दार और वफादार एक साथ नहीं रह सकते।’
जयललिता की 77 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर पलानीस्वामी ने अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा, ‘‘क्या भेड़िया और मेमना एक साथ रह सकते हैं? क्या खरपतवार और फसल एक साथ उगकर अच्छी फसल दे सकते हैं? क्या एक वफ़ादार और एक गद्दार एक साथ खड़े हो सकते हैं? मैं आप सभी को यह कहते हुए सुन सकता हूँ कि यह असंभव है।’’
पन्नीरसेल्वम ने कहा, ‘‘अगर अहंकारी पाखंडियों को नहीं हटाया गया तो अन्नाद्रमुक का पतन निश्चित है, विश्वासघात निश्चित रूप से पराजित होगा, पाखंड को कुचला जाएगा और कृतघ्नों को बाहर निकाल दिया जाएगा।’’
उन्होंने आगे कहा कि वह हमेशा जयललिता के प्रति वफादार रहे हैं, जिन्होंने उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर बिठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऐसा नहीं कहा। अम्मा ने खुद कहा है कि ‘‘भाई पन्नीरसेल्वम ने सही व्यक्ति को गद्दी वापस देकर इतिहास रच दिया है।’’
पन्नीरसेल्वम ने मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा, ‘‘जब बीज बढ़ता है, तो कोई आवाज़ नहीं होती। लेकिन अगर पेड़ गिरता है, तो बहुत शोर होता है। हर कोई जानता है कि शोर कहां से आता है।’’
उन्होंने दावा किया कि मौजूदा नेतृत्व में अन्नाद्रमुक विनाश की ओर बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह (पार्टी) पतन की ओर बढ़ रही है। यह डूबते जहाज की तरह है, जिस पर कोई नहीं चढ़ता। अगर इसे विनाश से उबारना है, तो कृतघ्न, विश्वासघात के प्रतीक, झूठ के प्रतीक को हटाना होगा। अन्यथा पतन निश्चित है।’’
पन्नीरसेल्वम ने एक तीखे बयान में कहा कि विश्वासघात का पाप धोया नहीं जा सकता और तमिल विद्वान तिरुवल्लुवर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘जो लोग सब्र से इंतजार करते हैं, उन्हें सब कुछ मिलता है।’’
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘इसलिए, मई 2026 तक इंतजार करें। हमें पता चल जाएगा कि तमिलनाडु पर कौन शासन करेगा। कृतघ्नों को फेंक दिया जाएगा। विश्वासघात निश्चित रूप से हारेगा। पाखंड को कुचल दिया जाएगा।’’
भाषा रंजन नरेश
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