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Sunday, 17 November, 2024
होमदेशतुर्की शो में सिर तन से जुदा, क्रॉस बना नूपुर शर्मा की फोटो- उदयपुर दर्जी हत्या को किसने ‘उकसाया’

तुर्की शो में सिर तन से जुदा, क्रॉस बना नूपुर शर्मा की फोटो- उदयपुर दर्जी हत्या को किसने ‘उकसाया’

NIA ने कन्हैया लाल की हत्या के मामले में दो पाकिस्तानियों सहित 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. कन्हैया लाल को ‘पैगंबर के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी पर पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने’ के लिए मार डाला गया था.

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नई दिल्ली: तुर्की के शो एर्तगुल गाजी से लिए गए गुस्ताख-ए-रसूल (पैगंबर का अपमान करने वाले) का सिर कलम करने वाले दृश्य, दक्षिणपंथी राजनीतिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के नेता के भाषणों के वीडियो, हुसैन रिजवी द्वारा कथित तौर पर पैगंबर के अपमान का बदला लेने के लिए उकसाने वाले बयान, और भाजपा की पूर्व नेता नूपुर शर्मा की तस्वीरों पर क्रॉस चिन्ह लगाकर शेयर की गईं फोटो. यही वो तमाम कंटेंट है जिसे व्हाट्सएप ग्रुप ‘लब्बैक या रसूलुल्लाह’ (अल्लाह के दूत) पर शेयर किया जा रहा था और इन्हीं सबने इस साल के शुरू में उदयपुर के एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के मामले में आरोपियों को इस कृत्य के लिए उकसाया था. हत्या के मामले की जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी चार्जशीट में यह बात कही है.

एनआईए की तरफ से गुरुवार को दायर चार्जशीट में कहा गया है कि गुस्ताख-ए-रसूल के रूप में कन्हैया लाल की एक तस्वीर भी समूह पर साझा की गई थी, जिसमें उसका सिर काटने की बात कही गई थी.

कन्हैया लाल की इस साल 28 जून को उदयपुर में हत्या कर दी गई थी, कथित तौर पर दो लोगों रियाज अटारी और मोहम्मद गौस ने चाकू से उसका गला काट दिया था और ‘सिर कलम करने’ की जिम्मेदारी लेते हुए एक वीभत्स वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था. दोनों आरोपियों को कुछ ही घंटों बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.

कन्हैया लाल की हत्या कथित तौर पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट डालने के लिए की गई थी, जिन्हें पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने के लिए निलंबित कर दिया गया था.

एनआईए ने हत्या के सिलसिले में दो कथित पाकिस्तानी नागरिकों सहित 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.


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व्हाट्सएप पर पाक नागरिकों के संपर्क में थे हत्यारे

दिप्रिंट की तरफ से खास तौर पर एक्सेस किए गए आरोपपत्र के ब्योरे के मुताबिक, गौस और अटारी दोनों व्हाट्सएप पर पाकिस्तानी नागरिक अबू इब्राहिम के संपर्क में थे, जिसके बारे में एनआईए का दावा है कि उसने ही दोनों को कट्टरपंथी बनाया और उन्हें नूपुर शर्मा के समर्थकों की हत्यों के लिए उकसाया.

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, 2014 और 2019 में पाकिस्तान यात्रा के दौरान गौस एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आया था, जिसे चार्जशीट में केवल सलमान के नाम से पहचाना गया है और उसे ‘भारत में काफिरों’ से बदला लेने के लिए भड़काया गया था. सूत्रों के मुताबिक, गौस ने पूछताछ के दौरान जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि सलमान टीईएल और दावत-ए-इस्लाम से जुड़ा था, हालांकि जांच एजेंसी अभी तक इस तथ्य की पुष्टि नहीं कर पाई है.

टीएलपी पाकिस्तान का एक कट्टरपंथी इस्लामिक राजनीतिक दल है, जिसकी स्थापना खादिम हुसैन रिजवी ने की थी. खादिम को खास तौर पर उनकी इस मांग के लिए जाना जाता है कि शरीयत को पाकिस्तान में इस्लामी कानून के तौर पर लागू किया जाए. वहीं, दावत-ए-इस्लाम एक चरमपंथी मजहबी समूह है जो दुनियाभर में ईशनिंदा को लेकर हिंसा की कई घटनाओं से जुड़ा रहा है. ये समूह धर्मार्थ गतिविधियों के लिए जाना जाता है और भारत में भी इसकी शाखाएं हैं. इस समूह के सदस्य अपने नाम के साथ ‘अटारी’ का इस्तेमाल करते हैं.

जांचकर्ताओं के मुताबिक, तीनों आरोपियों—गौस, अटारी और सलमान ने पिछले साल 22 अगस्त और इस साल 2 जून के बीच व्हाट्सएप पर बातचीत की और इस्लाम विरोधियों और काफिरों को सजा देने पर चर्चा की.

खुफिया सूत्रों ने दावा किया है, ‘जांच के दौरान गौस ने खुलासा किया कि सलमान और अबू इब्राहिम दोनों ने उसे नूपुर शर्मा की टिप्पणियों का बदला लेने के लिए उकसाया. उसने बताया कि सलमान ने उसने यूट्यूब पर टीएलपी से संबंधित वीडियो देखने को कहा, जिसमें अरबी वाक्यांश ‘मन सबा नबियान फकतुलुहू’ पर जोर दिया गया था, जिसका अर्थ है ‘जो पैगंबर का अपमान करे, उसे मार डालो.’

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है, ‘इसी ने उसे हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित किया.’

जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि पाकिस्तानी नागरिक बताया जा रहा सलमान व्हाट्सएप ग्रुप पर लगातार पोस्ट शेयर कर रहा था, जिसमें इसके सदस्यों को नूपुर शर्मा और उनके समर्थकों से पैगंबर के कथित अपमान का बदला लेने के लिए उकसाया जा रहा था.

सूत्रों ने दावा किया कि जब एनआईए ने चार्जशीट में नामित व्हाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्यों से पूछताछ की तो उन्होंने जांचकर्ताओं को बताया कि यह रियाज अटारी ही था जिसने उन्हें इस ग्रुप में जोड़ा था. सदस्यों की तरफ से जांचकर्ताओं को यह बताए जाने का दावा भी किया जा रहा है कि इस ग्रुप का नाम पहले ‘अल्लाह के बंदे’ था, लेकिन नूपुर शर्मा प्रकरण के बाद इसका नाम बदलकर ‘लब्बैक या रसूलल्लाह’ कर दिया गया.

जांचकर्ताओं का दावा है कि पूछताछ में पता चला है कि नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर विवाद के बाद रियाज अटारी भड़क गया और उसने मदरसे संचालित करने वाली उदयपुर की अंजुमन समिति की तरफ से पूर्व भाजपा नेता और उनके समर्थकों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के कथित ऑडियो और वीडियो शेयर करने शुरू कर दिए.

इंटेलिजेंस से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘हालांकि, हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त डिजिटल सबूत हैं कि गौस और रियाज ने हत्या की योजना बनाई थी और उन्हें ऐसा करने के लिए कैसे उकसाया गया था, लेकिन हमें इन सबूतों को लेकर दो पाकिस्तानी पुरुषों की भूमिका की पुष्टि करनी बाकी है.’

‘सिर काटने के बाद ग्रुप में शेयर किया वीडियो’

कन्हैया लाल की हत्या के समय व्हाट्सएप ग्रुप में कई सदस्य थे, जिनमें से तमाम के खिलाफ एनआईए ने इस घटना के सिलसिले में मामला दर्ज किया है.

चार्जशीट में मोहम्मद रियाज अटारी और मोहम्मद गौस के नाम शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. साथ ही मोहसिन खान, आसिफ हुसैन, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम खान, सलमान और अबू इब्राहिम को भी आरोपित किया गया है. चार्जशीट में शामिल नामों में से आखिरी दो के कराची के होने का उल्लेख किया गया है, जबकि बाकी के उदयपुर से ही होने का दावा किया गया है.

इंटेलिजेंस सूत्रों ने दावा किया कि ग्रुप के कंटेंट का विस्तृत विश्लेषण करने पर पता चला है कि 28 जून को अटारी ने एक वॉयस मैसेज शेयर किया था जिसमें उसने ग्रुप के सदस्यों को बताया था कि उसने कन्हैया लाल की हत्या कर दी है. सूत्रों ने बताया कि उसने हत्या से जुड़ा एक वीडियो भी साझा किया था.

सूत्रों में से एक ने यह दावा भी किया, ‘इस संबंध में पूछताछ के दौरान कई लोगों ने इसकी पुष्टि की है.’

(अनुवाद: रावी द्विवेदी | संपादन: अलमिना खातून)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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