जयपुर, 30 सितंबर (भाषा) राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को उस समय तनाव पैदा हो गया जब नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कुछ कार्यकर्ताओं ने खेल मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रस्तावित कार्यक्रम का विरोध किया और आरएसएस के स्वयंसेवकों के साथ उनकी झड़प हुई।
हालांकि, एनएसयूआई के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए तैनात पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को रोकने और तितर बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस घटना में कुछ वाहनों के शीशे भी क्षतिग्रस्त हो गए।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
आरएसएस का मंगलवार शाम को विश्वविद्यालय के खेल मैदान में ‘शाखा’ के साथ एक कार्यक्रम प्रस्तावित था। एनएसयूआई के नेताओं ने इस कार्यक्रम के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया और विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना दिया।
प्रदर्शन को देखते हुए अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
मुख्य विरोध प्रदर्शन के बाद कुछ एनएसयूआई कार्यकर्ता दूसरे गेट से विश्वविद्यालय परिसर में घुस गए और मैदान के पास पहुंच गए।
उन्होंने परिसर में लगे कार्यक्रम के पोस्टर को भी फाड़ दिया। आरएसएस के कुछ गणवेशधारी स्वयंसेवक वहां मौजूद थे जिनकी प्रदर्शनकारियों से झड़प हो गई।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और हल्का बल प्रयोग करके प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को तितर-बितर किया। एनएसयूआई के प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने उनके 20 से ज्यादा सदस्यों को हिरासत में लिया और तीन घायल हो गए।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय में आरएसएस का ‘शस्त्र पूजन समारोह’ आपत्तिजनक है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,’राजस्थान विश्वविद्यालय में आरएसएस द्वारा शस्त्र पूजा का कार्यक्रम रखना ही आपत्तिजनक है। शिक्षा के स्थान को इस तरह की राजनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना कैसे उचित माना जा सकता है?’
उन्होंने कहा,’ जब एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। इसके साथ ही, आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने कानून को अपने हाथ में लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं से मारपीट की। यह दिखाता है कि राजस्थान में अब कानून का राज खत्म होता जा रहा है और आरएसएस ही ‘एक्स्ट्रा कॉन्स्टिट्यूशनल अथॉरिटी’ बन गई है।’
गहलोत के अनुसार, इस घटनाक्रम की जितनी निंदा की जाए वो कम है।
उन्होंने कहा, “बड़े शर्म की बात है कि यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई और पुलिस इसे रोकने में असफल रही। इसका आशय है कि पुलिस आरएसएस के दबाव में है। यदि पुलिस इसी तरह दबाव में रही तो कानून व्यवस्था कैसे संभालेगी।”
नेता प्रतिपक्ष जूली ने गिरफ्तार लोगों की तत्काल रिहाई की मांग की।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,’राजस्थान विश्वविद्यालय में भाजपा और आरएसएस की नफरत भरी राजनीति का विरोध करने वाले एनएसयूआई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर सरकार की शह से पुलिस द्वारा उन पर लाठीचार्ज, गाड़ियों में तोड़फोड़ कर उन्हें गिरफ्तार की घटना अत्यंत निंदनीय है।’
उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को संबोधित करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा,’मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि शिक्षा के मंदिरों को राजनीति का अखाड़ा मत बनाइए, इनका राजनीतिकरण मत कीजिए।’
जूली ने मांग की कि एनएसयूआई के सभी गिरफ्तार नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को तुरन्त प्रभाव से रिहा किया जाए।
भाषा पृथ्वी
नोमान
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